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Terrific Traffic: उदयपुर में लोग कम ट्रैफिक ज़्यादा है!

उदयपुर में लोग कम ट्रैफिक ज़्यादा है! क्या आप भी इसी problem के शिकार हैं? रेड लाइट क्या होती है चौराहों पर, क्या ये लोग जानते भी है? Probably not! Because हर चौराहे पर चारो तरफ से गाड़ियाँ आ रही हैं जिन्हें कोई supervise नहीं करता है।

traffic in udaipur

आज हम अपनी सिटी को Smart City और Tourists Hub बुलाते हैं। लेकिन क्या वाकई उदयपुर tourist friendly है? एक जगह से दूसरी जगह पहुँचने के लिए आधे-आधे घंटे तक गाड़ियों के बीच में खड़े रहना पड़ता है। उदयपुर को हमारी gormint एक टूरिस्ट स्पॉट की तरह डेवेलप करना चाह रही है, पर क्या प्रशासन को फसती हुई गाड़िया और unmanaged चौराहे दिखाई नहीं दे रहें?

Tourists के अलावा भी लोग रहते हैं यहाँ भाई !!!

एक cute scene बताते हैं आपको। एक लेडी पुलिस ने एक भाई साहब को चौराहे पर हाथ दिखाते हुए रोकने की कोशिश की क्योंकि वो मना करने के बावजूद अपनी मारुती चलाये जा रहे थे। तभी एक मोहक मुस्कान देते हुए अंकल जी बोले, “अरे मेडम…” और धन्नाते हुए गाड़ी आगे ले गये।

Now that’s quite क्यूट….!

टूरिस्ट मन चाही जगहों पर गाड़ियाँ फसाते देखे जा सकते हैं; और लोकल लोग टूरिस्ट को गालियाँ देते देखे जा सकते है।

क्या यही है developed उदयपुर?

It is a terrible thing for people coming to the city to get stuck amidst the unmanaged traffic in Udaipur. Plus, the city is not just tourists, we also live here and we are getting stuck here! There should be some way to decongest this!?

Are we really growing? Tourists are flocking to our city, which is, perhaps a good thing as the market would grow, our city’s economy would hike and all sort of blah blah blah. But on the other hand, there is so much congestion on our roads these days, the pollution levels are raising in our green city and the traffic police and all the governing authorities are not even giving it a look.

Why because चलने दो जैसा चल रहा है?

traffic in udaipur

#udaipur_ka_unmanaged_traffic

फोटो खेचिये और बताइए की आप किस गली या main रोड पर traffic में फसे है ।

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नए साल का स्वागत; उदयपुर तैयार

विश्व का सबसे खुबसूरत और “रोमांटिक” शहर नए साल की आगवानी हेतु सज-धज के तैयार हो गया है.  विभिन्न होटल अपनी ओर से भी नए नए पैकेज ऑफर करके सैलानियों को आकर्षित कर रहे है. कई रेस्टोरेंट्स और प्राइवेट फार्म हाउसेस में थीम पार्टियां आयोजित की जा रही है. शहर के अधिकांश होटल्स लगभग फुल हो चुके हैं. क्रिसमस और सर्दी की छुट्टियों का पूरा लाभ लेते हुए देशी सैलानी भी उदयपुर का रुख कर रहे हैं. अंदुरनी शहर की गलियाँ विदेशी मेहमानों कि कदम ताल से जीवंत हो उठी हैं.विभिन्न  होटल्स ने भी  नए साल का स्वागत करने के लिए नया इंटीरियर करवाया है, रौशनी से इमारतों को सजाया गया है.. उल्लेखनीय है कि झीलों के लबालब होने से पर्यटक उदयपुर का रुख कर रहे है. इस वर्ष कई फेमस हस्तियों ने भी उदयपुर आकर और बाद में अपने अनुभवों को सोशल साइट्स पर बांटकर पर्यटन को और समृद्ध किया है.

देशी सैलानियों में इस वक़्त गुजरात, दिल्ली और बंगाल के सर्वाधिक पर्यटक आ रहे हैं. अंदरूनी शहर में लगभग जाम की स्थिति बनी हुई है. ट्राफिक पुलिस ने सिटी पेलेस मार्ग को चौपहिया वाहनों के लिए एक तरफ़ा कर दिया है. पेलेस मुजियम को देखने आने वालो को भी लाइन में इंतज़ार करना पड़ रहा है. दूध तलाई, रोप वे, जगदीश मंदिर, मोती मगरी, लोक कला मंडल, बाघोर की हवेली  इस वक़्त मेहमानों से रोशन है. गुलाबी सर्दी में पिछोला के पानी को निहारते सैकड़ों विदेशी और देशी सैलानी इन दिनों नज़र आ जायेंगे. पर्यटक यहाँ शिल्पग्राम में चल रहे मेले का भी भरपूर आनंद ले रहे हैं. वहां मेवाड़ के देसी व्यंजन उन्हें खूब भा रहे हैं. देश के हर कोने कोने से आये हस्त-शिल्प उन्हें यहाँ शिल्पग्राम में लघु-भारत का आभास दे रहे हैं. शाम को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी खूब मन मोह रहे हैं.

मेट्रो शहरों की उबाऊ पार्टियों से दूर अब सैलानी प्रकृति से भरपूर और शांत शहरों की ओर रुख करने लगे हैं. udaipurblog.com टीम ने जब शहर में भ्रमण कर रहे सैलानियों से उनके अनुभव जानने चाहे तो एक ही बात सामने आई कि उन्हें उदयपुर की झीलें और यहाँ के शांत लोग सबसे ज्यादा आकर्षित करते हैं. वे यहाँ यहाँ बार बार आने से खुद को रोक नहीं प़ा रहे. फरीदाबाद से अपने पूरे परिवार के साथ शहर घूमने आये श्री विनोद जैन को शहर का रेलवे स्टेशन भी अलग लगा. वे प्राकृतिक सौन्दर्य से बहुत प्रभावित नज़र आये. मुंबई से आये एक युवा समूह ने झील के किनारे एक होटल में पार्टी की लिए पूरी तैयारी कर ली हैं. वे शहर भ्रमण के साथ साथ आस-पास के पर्यटन स्थलों की तरफ भी रुख कर रहे हैं. सूरत से आये एक गुजरती परिवार की डेल्ही गेट से कर को ट्राफिक पुलिस उठा कर ले गयी, क्योकि शौपिंग करते हुए वे अपनी कर को गलत जगह पार्क कर गए थे. 24 परगना (पश्चिम बंग)जिले से आये चक्रवर्ती परिवार लगातार तीसरी बार उदयपुर आया है.. परिवार की एक बुज़ुर्ग सदस्य हँसते हँसते कहती है… पधारो म्हारे देस की धुन उन्हें बार बार यहाँ आने का न्योता दे रही है. कोई “नटराज” के खाने से मोहित नज़र आया तो किसी को लोक कला मंडल की कठपुतली शो ने चमकृत कर दिया. पिछोला में पड़ रही लेक पेलेस और जग मंदिर कि रौशनी से कोई अपनी नज़र नहीं हटा प़ा रहा तो करणी माता, माछला मगर  से शहर को निहारने की भी ललक किन्ही आँखों में दिखाई दे रही है…. बहरहाल आगामी पांच-सात दिनों तक शहर पर्यटकों से यू ही आबाद रहने वाला हैं.

चलते चलते– udaipurblog.com द्वारा शहर में पधारे पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे अनधिकृत गाइडों और लपकों के बहकावे में न आयें. अपने वाहन निर्धारित स्थानों पर ही पार्क करें. किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर वहां उपस्थित पुलिस अथवा आमजन की मदद ली जा सकती है. उदयपुर आने की प्लानिंग करने वाले दोस्तों से निवेदन है कि कृपया पहले एडवांस बुकिंग करवा कर ही शहर में पधारे, ताकि अनावश्यक असुविधा से बचा जा सके.

Article By : Arya Manu