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श्री क्षत्रिय युवक संघ के 75 साल पूरे होने पर आज आयोजित हुआ हीरक जयंती समारोह

श्री क्षत्रिय युवक संघ के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आज राजस्थान की राजधानी जयपुर में देशभर से क्षत्रिय समाज के लोग जुटे। राजपूत समाज के संगठन श्री क्षत्रिय युवक संघ की हीरक जयंती समारोह को धूमधाम से मनाया गया। समारोह का आयोजन जयपुर के सीकर रोड स्थित भवानी निकेतन में हुआ।

जब भी बात श्री क्षत्रिय युवक संघ की होती है तो एक शख़्स को हमेशा याद किया जाता है वो हैं तन सिंह जी। तन सिंह जी ने ही आज से 75 साल पहले समाज को संगठित और संस्कारित करने की ठानी थी और इस संघ की स्थापना 22 दिसंबर 1946 में की थी।

आइए जाने श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तन सिंह के बारे में

  • जैसलमेर के बैरसियाला गांव में ठाकुर बलवंत सिंह महेचा और मातीकंवर सोढ़ा के यहाँ 25 जनवरी 1924 को तन सिंह का जन्म हुआ।
  • 4 साल बाद ही उनके पिता का देहांत हो गया और मां ने उन्हें पढ़ने के लिए 80 किलोमीटर दूर बाड़मेर भेज दिया।
    हालांकि उनका मूल गांव बाड़मेर में रामदेरिया है।
  • पिता की मृत्यु होने के बाद 4 साल की उम्र में ही ‘तणेराज’, ‘ठाकुर तन सिंह’ बन गए।
  • बाड़मेर में पढ़ाई पूरी करने के बाद तन सिंह 14 की उम्र में ही जोधपुर आ गए जहां उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की।
  • इसके बाद 1942 में कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए झुंझुनूं के पिलानी में बिरला कॉलेज गए और बीए कर 1946 में नागपुर से वकालत की। तन सिंह ने एक लंबा राजनीतिक सफर तय किया, जहां वह 1949 में बाड़मेर नगर पालिका के अध्यक्ष बने।
  • वे 1952 और 1957 में बाड़मेर से विधायक चुने गए और 1962 और 1977 में बाड़मेर से सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे।
  • इस सब के साथ-साथ वे एक जाने-माने लेखक भी थे।

ऐसे हुई श्री क्षत्रिय युवक संघ की शुरुआत

बताया जाता है कि तन सिंह के अंदर काफी कम उम्र से ही समाज के लिए कुछ करने की ललक थी। वह समाज और उसे सुधरने के बारे में सोचते थे। ऐसे में कॉलेज के दौरान ही तन सिंह ने 1944 में राजपूत छात्रावास में दिवाली के दिन क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना की जिसके बाद 5 और 6 मई 1945 को इसका पहला अधिवेशन जोधपुर में हुआ।

तन सिंह ने 1949 तक संघ प्रमुख का पद संभाला उसके बाद राजनीति में जाने के बाद आयुवान सिंह हुडील को संघ प्रमुख बनाया गया। आयुवान सिंह के राजनीति छोड़ने के बाद तन सिंह ने फिर यह पद संभाला और 1969 तक वे संघ के प्रमुख रहे। वर्तमान में भगवान सिंह रोलसाहबसर संघ प्रमुख हैं।

आयोजन समिति ने बताया कि इस समारोह के लिये जैसलमेर से 24 कोच की ट्रेन की बुकिंग करवाई गई है। इसके लिए संघ की ओर से बतौर किराया रेलवे को 30 लाख रुपये जमा करवाए गए हैं। आयोजकों के दावे के अनुसार यह पहली बार है की राजस्थान में किसी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिये 24 कोच की पूरी ट्रेन बुक करवाई गई है।

इस आयोजन में कई पार्टियों से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के कई नेता शामिल हुए। समारोह से पहले बाड़मेर से हीरक जयंती रथ ने करीब 5000 किलोमीटर की यात्रा भी की है। हीरक जयंती पर प्रदेश के सभी धर्म जाति संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है।

श्री क्षत्रिय युवक संघ के 75 साल बाद भी आज संघ तन सिंह के आदर्शों पर चलता है। वहीं तन सिंह ने अपने जीवनकाल में कई किताबें भी लिखी। ऐसे में 22 दिसंबर 2021 को तन सिंह के विचारों पर फिर से एकजुट होने के लिए समाज एकत्रित हुआ।

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अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम के लिए चयनित हुए उदयपुर के ऑलराउंडर क्रिकेटर पुष्पेंद्र

जब कोई कहता है की युवा हमारा आने वाला भविष्य है तो हम पुष्पेंद्र सिंह जैसे युवाओं की बात करते है। पुष्पेंद्र को अगले माह वेस्ट इंडीज़ में होने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए चयनित किया गया है और वे इस वर्ल्ड कप में राजस्थान से चुने जाने वाले एकमात्र खिलाडी है।

पुष्पेंद्र का चयन बीसीसीआई टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर अंडर-19 चैलेंजर ट्रॉफी में हुआ था। इसमें उन्होंने अपना ऑलराउंड एवं बेहतरीन प्रदर्शन किया और उसी के आधार पर अब उन्हें टीम इंडिया में भी शामिल किया गया है। हाल ही में पुष्पेंद्र का चयन अंडर-19 कैंप के लिए हुआ था।

कोच मनोज चौधरी ने बताया कि पुष्पेंद्र सिंह उदयपुर से दूसरे शख्स है जो इंडिया के लिए सिलेक्ट हुए हैं। इससे पहले उदयपुर से अशोक मेनारिया 2008 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेल चुके हैं। तब वे टीम के कप्तान भी बने थे।

आलराउंडर क्रिकेटर पुष्पेंद्र ने आरसीए की काल्विन के फाइनल में 4 विकेट लेकर उदयपुर को विजेता बनाया था। इसके बाद 2019 में हुई कूच बिहार ट्रॉफी में 24 विकेट और 210 रन बनाए थे। इसके बाद वीनू माकड़ ट्रॉफी में 10 विकेट और 150 रन बनाए थे। इसके आधार पर बीसीसीआई की चैलेंजर ट्रॉफी में चयन हुआ था। चैलेंजर ट्रॉफी में उन्होंने 52 रन और 4 विकेट लिए।

पुष्पेंद्र का कहना है कि पिछले 2 साल में किए श्रेष्ठ प्रदर्शन का अब फायदा मिला है। ऐसा मौका मिलने का बाद तो देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करने का लक्ष्य रहेगा।

इस साल उदयपुर की पहली महिला क्रिकेटर सोनल कलाल का चयन चैलेंजर ट्रॉफी के लिए इंडिया ए टीम में हुआ था। वहीं चैलेंजर ट्रॉफी में पहली बार उदयपुर से 3 खिलाड़ियों का चयन हुआ था, इनमें पुष्पेंद्रसिंह, अनिरुद्धसिंह और निखिल सचदेव शामिल है।

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Condé Nast Reader Travel Awards 2021 List Is Out & Udaipur Has Made It To The Significant Top

The year 2021 has been a year full of ups & downs. Well, for Udaipur we can say mostly up! Because with all the recognition & awards coming, we’ve bagged a bunch of new titles and are going to end this year on a happy note.

Condé Nast Reader Travel Awards 2021 list is out & Udaipur has made it to the significant top, worldwide. In the list, the awards were issued in 24 different categories including states, cities, palaces, hotels, airports, airlines and more. And apparently, the cities of Rajasthan made it to the winner or runner up in 8 different categories in which Udaipur, Jaipur & Jodhpur made their places in the top.

Some good news for Rajasthan!

According to Condé Nast Traveler Magazine India, Rajasthan is considered to be the most favorite state in the country for road trips and that is even more than Himachal Pradesh. Now wait, there’s more for our state. Again, according to the magazine, Rajasthan has been considered as the second most favorite state of the country for holiday destinations. Bombs of merriment, all over the place!

Categories where Udaipur, Jaipur & Jodhpur did wonders

Favorite Hotel for Weddings in India: Hotel Leela Palace, Udaipur bagged the place of number one in this category. On the other hand, Rambagh Palace, Jaipur was placed second in line. In this category, both the hotels in the top-2 are from Rajasthan and Rajasthan is already people’s favorite place for Royal and Destination Wedding. Literally, who missed the wedding of the year, #vikat wedding.

Favorite Indian Leisure Hotel: Being on the bank of lakes of Udaipur, the Leela Palace is on the second rank in this category. Tourists from all over the country have considered the Leela Palace as the favorite hotel for a leisure holiday.

Favorite Spa in Indian Hotel: The Leela Palace in Udaipur has been considered as the best spa hotel in the country. And now you know your new spa destination.

Favorite Home Stay in India: Premkunj of Udaipur has been voted as the second-best homestay in the country. Situated amidst the striking and calm Aravalis, the place offers a majestic view and long-lost solace with perks like bird watching.

Favorite Indian Heritage Hotel: Umaid Bhawan Palace Hotel in Jodhpur has been voted as the most preferred heritage hotel in the country. Who would not vote for this; remember the famous & extravagant Priyanka Chopra & Nick Jonas’s grand wedding?

Favorite Indian Boutique Hotel: Samod Haveli, Jaipur has been ranked second in this category.

What better way to end the year than on such good notes, right? We’re not greedy but where’s the harm to letting more awards come our way!

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मुंबई से उदयपुर साइकिल पर आए फिटनेस आइकॉन मिलिंद सोमन

आज कल जहा हम दिन पर दिन आलसी हुए जा रहे है, वहीं 56 साल के फिटनेस आइकॉन मिलिंद सोमन ने मुंबई से उदयपुर साइकिल पर अपना रास्ता तय करते हुए कई उपदेश दिए है। वे किसी चुनौती से पीछे नहीं हटते और ये उन्होंने अपनी “एक पहल स्वच्छ हवा की ओर” अभियान के तहत स्पष्ट कर दिया है। इस अभियान के तहत मिलिंद मुंबई से दिल्ली तक की साइकिल यात्रा पर निकले है। इस दौरान वे 1000 किलोमीटर से ज्यादा ग्रीन राइड कर रहे हैं।मिलिंद का कहना है की ज़िन्दगी में एक्ससरसाइज़ जैसी अच्छी आदतों का होना बहुत ज़रूरी है।

“मैं सुबह उठना बिलकुल पसंद नहीं करता। मगर आज हमें एक्सरसाइज की जरुरत है, क्योंकि पहले टेक्नोलॉजी कम थी, इसलिए हम जो भी काम करते थे, हाथ से करते थे। मगर अब नहीं करते हैं इसलिए एक्सरसाइज बेहद जरूरी है।”

मिलिंद ने प्रदूषण कम करने को लेकर कहा कि इसे रोकने के लिए हम जो भी छोटी से छोटी चीज कर सकते हैं वो करें। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि प्रदूषण को कम करने के बारे में सोचें। हमारा छोटा से छोटा योगदान भी मायने रखता है।

मन की शांति के साथ तन को स्वस्थ्य रखना ज़रूरी है। इसीलिए हमे भी हमारी आदतें सुधारनी चाहिए और एक स्वस्थ भविष्य की ओर अग्रसर होते हुए अपनी सेहद का खुद ही ख्याल रखना चाहिए।

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Attention Ladies! Nykaa Luxe is Opening Soon in Udaipur

December has just started and it’s already merrier. The lifestyle & beauty retailer Nykaa will be expanding it’s offline footprints soon in the city of lakes, Udaipur. Now, that’s what we call a good news!

If you love wandering the aisles of a beauty store, you now have a brand-new place to explore and to find inspiration because soon a Nykaa Luxe store is going to open in Udaipur’s celebration mall on ground floor and we are already going crazy. The new store will house all national and international brands that gained popularity in Nykaa’s online store.

Now, Nykaa has always managed to make beauty shopping uber interesting. I mean, who would have thought that there can be platform to binge on beauty products with multiple brands & that too online. But Falguni Nayar, the founder & CEO made almost all beauty brands accessible to the common masses in just a few clicks.

Nykaa’s new Luxe store will comprise of all top shelf and user’s favorite brands. We are hoping to see many such brands with Nykaa’s private label brand Nykaa Cosmetics as it also offers vegan & cruelty free products. Well, the ladies favorite brand Nykaa is going to set foot in Udaipur & we can’t wait to visit and shop our hearts out.

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उदयपुर की 200 साल पुरानी चांदपोल पुलिया, खतरे में!

जहाँ हमारा शहर एक तरह से धरोहरों का शहर कहलाता है वहीँ हमारी लापरवाही कहें या प्रशासन की पर आज वही दारोहरें खतरे में है। रोज़ हज़ारों वाहनों का भार लेने वाली 200 साल पुरानी चांदपोल पुलिया की उम्र अब आधी होने का खतरा बना हुआ है।

दरअसल, पुलिया पर पीपल और बरगद के कई पेड़ उगे हुए हैं, जिनकी जड़े अब फेल रही है और अब ये पेड़ पुलिया को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अब इस मामले में ज़िम्मेदारों से पूछा गया की आखिर क्या वजह है की इस ऐतिहासिक पुलिया पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, तो कुछ देर जवाब देने से बचते रहने के बाद उनका कहना था की स्मार्ट-सिटी के प्रोजेक्ट में पुलिया के रेनोवेशन का काम नहीं है, सिर्फ दरवाजे को सुधारना और रंगरोगन करना था, जो किया गया है।

अब हम सब जानते है की ओल्ड सिटी में पिछले 5 सालों से स्मार्ट सिटी का कार्य चल रहा है, तब भी किसी का भी ध्यान इस पुलिया पर नहीं गया जो ओल्ड सिटी के दो हिस्सों को जोड़ती है। इसी पर एक्सपर्ट्स का कहना है की अगर पीपल का पेड़ उगा है और उसकी जड़े फैलने लगी है तो पुलिया की उम्र अ‌ाधी रह जाएगी, क्योंकि पीपल का पेड़ कभी सूखता नहीं है और इसकी जड़े लगातार बढ़ती रहती है। ऐसे में कह नहीं सकते कि पुल काे कितना नुकसान पहुंचा है। पुल पुराना है और पत्थरों से बना है।

इसका एक इलाज यह हो सकता है की पुल की जल्द से जल्द मरम्मत की जाए। ऐसे में स्पेशल टीम लगाकर ड्रिल करके पेड़ और जड़ों की सफाई करनी होगी और साथ ही इस पर निगरानी भी रखनी होगी।

आज आई खबर के अनुसार निगम आयुक्त ने शहर की सभी हेरिटेज पुलियाओं और हेरिटेज भवनों की मरम्मत के आदेश दिए है। जिसमे अब मीडिया द्वारा यह मुद्दा उठाने के बाद चांदपोल पुलिया की जांच होगी।

रोज़ाना यहाँ रहने वाले लोग, व्यापारी और पर्यटक यहाँ से गुज़रते है। ऐसे में यह पुलिया कब तक सबका भार सह पायेगी, कुछ नहीं कहा जा सकता। इसीलिए इस पर जल्द से जल्द कार्यवाई होनी चाहिए।

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सोनल कलाल बनी बीसीसीआई टीम में खेलने वाली उदयपुर की पहली महिला क्रिकेटर

हमारे देश और प्रदेश की बेटियां जब कोई मुकाम हासिल करती है तो बहुत ही गर्वान्वित महसूस होता है। ऐसे ही गर्व के मौके को और भी खास बनाया है उदयपुर की सोनल कलाल ने।

सोनल कलाल आज उदयपुर की पहली महिला क्रिकेटर बन गई है जिनका बीसीसीआई की सीनियर चैलेंजर वनडे ट्रॉफी के लिए इंडिया ए टीम में चयन हुआ है। सोनल बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज़ है और हाल ही में बेंगलुरु में बीसीसीआई की सीनियर महिलाओं की एकदिवसीय प्रतियोगिता में राजस्थान की ओर से खेलते हुए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। इसी आधार पर उनका चयन इंडिया ए के लिए किया गया है।

बीसीसीआई की सीनियर चैलेंजर वनडे ट्रॉफी के लिए प्रतियोगिता विजयवाड़ा में 4 दिसंबर से होगी। इसमें इंडिया ए, बी, सी और डी में मुकाबले होंगे। इसके आधार पर आगामी वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का चयन किया जाएगा।

सोनल कलाल इस मौके का इंतज़ार 2017, जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया तब से कर रही थी। अंततः चयन होने के बाद उनका कहना है की राजस्थान टीम में वे पिछले 2 वर्ष से खेल रही थी और उसका फल उन्हे आज जा के मिला है। उनका यह भी कहना है की उन्हें अपने आप से इससे भी बेहतर प्रदर्शन की कामना है। सोनल उदयपुर में पहले कोच तारिख खान और अब मनोज चौधरी के निर्देशन में कोचिंग ले रही हैं।

सोनल ने देश के लिए खेलने का जो सपना देखा था आज वे उसके बेहद करीब है। इससे उदयपुर और प्रदेश भर के कई खिलाड़ियों में खास कर की महिलाओं में खेल के प्रति एक अलग उत्साह जागा है।

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अब ओला-उबर वाले ड्राइवर्स उदयपुर में नहीं कर सकेंगे अपनी मनमर्ज़ी

जब भी अगर बारिश होती है, हमारे पास गाड़ी नहीं होती या अगर कोई इमरजेंसी होती है तो हम कैब बुक करते हैं। भरोसा करते है उनपर की हमें हमारे निर्धारित स्थान पर पहुचाएंगे। लेकिन अगर वे हमारी इसी मजबूरी का फायदा उठाए तो ये कहा तक सही है।

उदयपुर में सबसे प्रच्वलित कैब सर्विस कंपनियों में से ओला और उबर हमारे शहर में उपलब्ध है। तो ज़रूरत के समय हम इनका इस्तेमाल करते है लेकिन कुछ दिनों से इन कंपनीओ के कैब चालकों के खिलाफ यात्रियों की शिकायतें आ रही थी की वे मनमर्जी से किराया वसूलने, तय किराए से ज्यादा लेने, अनफिट वाहनों में यात्रियों को बैठाकर जान जोखिम में डालने और बुकिंग रद्द करने की धमकी देने लगे है। इसी को लेकर प्रादेशिक परिवहन कार्यालय उदयपुर की टीम ने बुधवार को यात्रियों से मिली शिकायतों के आधार पर 52 ओला-उबर वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।

लंबे समय से ओला-उबर वाहन चालकों के खिलाफ यात्रियों से कई शिकायतें मिल रही थीं। नियमों को ताक पर रखकर यात्रियों से अवैध तरीके से किराया वसूलने और अवैध वाहन चालने वाले ओला-उबर वाहन चालाकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 2 टीम्स को सघन चेंकिंग अभियान और डिकाॅय ऑपरेशन के लिए भेजा। दोेनों टीमों ने 52 टैक्सी चालकों के खिलाफ चालान बनाए हैं। चैकिंग के दौरान वाहन चालकों को बिना फिटनेस, बिना इंश्योरेंस, बिना पीयूसी के वाहनों का संचालन करते पाया गया। अब मोटर वाहन अधिनियम 1988 के नए प्रावधानों के मुताबिक ऐसे प्रत्येक प्रकरण में ओला-उबर कम्पनी के विरूद्ध एक लाख रुपए प्रति शिकायत जुर्माना और लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है।

कुछ उदयपुर वासियों ने UdaipurBlog से अपने साथ हुई ऐसी घटनाओं को साझा किया

अभी जब उदयपुर में पहली मावठ पड़ी तब कई लोगो को आने-जाने में कई तकलीफों का सामना करना पड़ा। ऐसे समय में टैक्सी/कैब मिलने में काफी मुश्किलें भी हुई। मुझे और मेरे 2 दोस्तों को साथ में ऑफिस जाना था जिनका घर बिलकुल रास्ते में था तो ओला से कैब बुक की। जो ड्राइवर था, उसने एक्स्ट्रा चार्ज लेने की बात कही। अब ऐसे समय में जब कोई और साधन नहीं मिल रहा था तो एक बार के लिए मान तो गई में पर उनसे एक्स्ट्रा चार्ज कितना है पूछने पर भी उन्होंने ट्रिप के एन्ड तक कुछ नहीं बताया। फिर अचानक से 167 रुपये के ट्रिप के उन्होंने एक्स्ट्रा किलोमीटर के साथ बिल जेनेरेट किआ 229 रुपये का और फिर ऊपर एक्स्ट्रा चार्ज मांगे 150 रुपये। अब ऐसी मजबूरी में और क्या किआ जा सकता था।

मुझे एक बार दुर्गा नर्सरी से UIT जाना था तो कैब वाले ने इसके 600 रुपये बताए जो की कही से भी वाजिब नहीं थे। ऐसा कई बार हुआ है की कैब वाले कम फेयर देख के कैंसिल भी कर देते है बुक्ड राइड। इसके खिलाफ सख्त कार्यवाई तो होनी ही चाहिए।

ऐसे कई लोगो ने अपने साथ हुई नाइंसाफी हमसे साझा की और हमें ख़ुशी है की उदयपुर प्रसाशन ने इस पर दुरुस्त कदम उठाया है। अगली बार अगर आपके साथ ऐसा कुछ भी हो तो मजबूरी शिकार ना बने और इसकी शिकायत ज़रूर करे।

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Internet Is Going Crazy Over ‘Oh So Gorgeous’ Photoshoot Of Ananya Panday Shot In Udaipur

We all have seen that Udaipur is adored by Bollywood celebrities. Be it weddings, events, holidays or anything, their love pours on the city of lakes.

Well, the city is again in the headlines and it is for all the good reasons. The Fashion Maven Manish Malhotra, whose attires are to die for, chose the mesmerizing city of lakes as the location to capture the Bollywood ‘princess’ Ananya Panday for his latest shoot. Yes! Ananya Panday and Manish Malhotra did their new shoot in Udaipur & the Internet is going crazy over it.

The connoisseur designer has posted pictures of the shoot from Udaipur’s Leela Palace on his Instagram & the internet is on a storm. Ananya Panday is looking uber ravishing in the attires. The Attires held statement lehengas, jewelry and mesmerizing looks.

In the video & pictures uploaded by Manish Malhotra on his official Instagram account, the Leela Palace can be seen on an utmost usage of & has been vividly appreciated by the cameras. The shoot was also held on one of the boats where Ananya Panday looked all dolled up and fabulous.

Netizens are going crazy over her grace, the place & the ensemble by the fashion designer Manish Malhotra. Somewhere between scrolling the wedding pictures of the entire millennia, we all loved the designer fabrics and want to wear those attires for once, at least.

https://www.instagram.com/p/CWXRFRIocCq/

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जानिए आखिर क्यों उदयपुर स्वच्छता सर्वे -2021 में 54 से खिसक कर आ गया 95वें स्थान पर

स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में राजस्थान के एक से 10 लाख आबादी श्रेणी के टॉपर उदयपुर का देश में 41 रैंक पिछड़कर 95वें स्थान पर । पिछले साल उदयपुर 54वें नंबर पर था। रैंकिंग गिरने से अधिकारीयों पर सवाल उठ रहे है, क्योंकि शहर की स्वच्छता पर नगर निगम हर साल करीब 71 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। पड़ताल में सामने आया है कि निगम के पास 70 वार्ड के 85 हजार घरों से डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए सिर्फ 77 वाहन है जिसमे से 75 टिपर और 2 ई-रिक्शा हैं। जबकि हर वार्ड के लिए कम से कम दो वाहन चाहिए। ये वहां भी सिर्फ सुबह के टाइम पर कचरा संग्रहण करते हैं। शाम को ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं है। उदयपुर में अगर कोई शहरवासी सुबह कचरा न दाल पाए तो कचरा डालने के लिए अगले दिन के लिए इंतज़ार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

देश का सबसे साफ़ शहर है इंदौर और वहां कचरा संग्रहण का काम सुबह-शाम होता है। अब उदयपुर में ऐसी सुविधा ना होने के कारण कई लोग खुले में कचरा डाल देते हैं जो हफ़्तों तक यूँही पड़ा रहता है, जबकि निगम ने खुले में डला कचरा उठाने के लिए भी कई एजेंसिओं को ठेका दे रखा है। अब मेयर जी.एस. टांक और डिप्टी मेयर पारस सिंघवी का कहना है कि शहर को स्वच्छता में सिरमौर बनाने के लिए नए सिरे से प्लान तैयार कर रहे हैं।

इस सब को देखते हुए उदयपुर के मेयर जी.एस. टांक ने यह भी बताया की उदयपुर निगम भी इंदौर की तरह सुबह-शाम कचरा संग्रहण पर काम करेगा। इसके लिए टिपर की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी। खुले में कचरा डालने पर तुरंत उठाया जाएगा। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे। इस बार हमारे गार्बेज फ्री सिटी के नंबर नहीं जोड़े गए। अगली बार तकनीकी पहलूओं को भी दुरुस्त कराएँगे ताकि राजस्थान के बाहर भी उदयपुर स्वच्छता में अव्वल रह सके।

निगम के साथ शहर वासियों की भी इसमें ज़िम्मेदारी बनती है की हम अपने शहर को साफ़ रखने के लिए ज़रूरी कदम उठाए और कचरा इधर-उधर खुले में ना फेके। तब जा के हम और आप उदयपुर को सबसे स्वच्छ शहर के रूप में देख पाएंगे।