उदयपुर। 13 मार्च 2013 । प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय में छः दिन से चल रहे सांस्कृतिक समारोह, ’प्रयाग-2013’ के अन्तर्गत एकल गायन, समूह गायन, पश्चिमी एवं पारम्परिक एकल नृत्य, समूह नृत्य एवं काॅमेडी सर्कस के आयोजन के साथ सुखाडि़या विश्वविद्यालय के सभागार में सम्पन्न हुआ ।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय डा. ओ पी गिल ने बताया कि तकनीकी उच्च शिक्षा में अध्ययनरत् छात्रों के मानसिक तनाव को दूर कर उनकी सांस्कृतिक एवं साहित्यिक दक्षताओं को दर्शाने एवं उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में निर्देशित करने हेतु इस तरह के सह-शैक्षणिक एवं तकनीकी कौशल के कार्यक्रमों का आयोजन अति आवश्यक है । उन्होंने महाविद्यालय की प्रशंसा करते हुए छात्र समुदाय से इसके सम्मान को बनाये रखने की अपील की । साथ ही उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में इस वर्ष प्रवेश लेने वाली छात्राओं की संख्या में 10 से 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई ।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. नरेन्द्र एस. राठौड़ ने अपने उद्बोधन भाषण में तकनीकी एवं अभियांत्रिकी छात्रों की सह-शैक्षणिक गतिविधियों की सराहना की । डाॅ. राठौड़ ने सम्पूर्ण व्यक्तित्व निर्माण में इस प्रकार की गतिविधियों की महत्ता बताते हुए छात्रों से अधिकाधिक संख्या में भाग लेने का आव्हान किया एवं अपनी शिक्षा को देश की आम जनता के हित में कार्य करने की प्रेरणा दी ।

कॉमेडी सर्कस ने हंसाया और नृत्य नाटिकाओं ने लुभाया

समूह नृत्य में विभिन्न प्रदेशों के लोकनृत्य, पारम्परिक नृत्य एवं फिल्मी नृत्यों का प्रदर्शन कर प्रतिभागियों ने दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया । सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए कन्या भ्रूण हत्या की निन्दा, महिलाओं के उत्थान हेतु झंासी की रानी, इन्दिरा गांधी, मदर टेरेसा, प्रतिभा पाटिल आदि की प्रेरणाओं को समूह नृत्य नाटिकाओं से प्रदर्शित किया तो छात्र समुदाय ने तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार को गुंजायमान कर दिया । अन्य प्रस्तुतियों में होली के रंग, ढोली थारों ढोल बाजे, मानो तो भगवान नही ंतो पाषाण आदि प्रमुख रही ।

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कार्यक्रम में डा. मूर्तजाअली सलोदा, सहायक अधिष्ठाता (छात्र कल्याण) एवं सीएलएसयू के सलाहकार डा. हेमन्त मित्तल ने जानकारी दी कि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के एकल गायन, समूह गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य आदि में भाग लेने के कारण पूर्व में ही स्क्रीन टेस्ट लेकर मेघावी छात्रों का चयन विभिन्न टीमों में किया गया ।
एकल गायन में प्रतिभागियों ने विभिन्न फिल्मी, गैर फिल्मी, देशभक्ति, राजस्थानी एवं दार्शनिक अन्दाज वाली कव्वाली, औरी चिरैया, डम डम मस्त है, होली के रंग के गीतो का गायन कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
पारम्परिक एवं पश्चिमी वेशभूषा से सजे छात्र-छात्राओं ने एकल नृत्य प्रस्तुत कर अत्यधिक मनोरंजन का समा बांध दिया। एकल नृत्य में प्रतिभागियों ने मेरे ढोलना, अगले जनम मोहे बिटियाॅ ना कीजो, लागा चुंदरी में दाग, डाक बाबू लाया संदेश आदि की नृत्य नाटिकाओं द्वारा जीवन की आशा-निराशा, उतार-चढ़ाव को प्रदर्शित करते हुए उम्मीद का दामन ना छोड़ने का संदेश दिया और छात्र समुदाय को झूमने पर विवश कर दिया । विभिन्न प्रतिभागियों को छात्र समुदाय की तालियों और हुटिंग से सराहना मिली।

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समूह गायन में प्रतिभागियों ने तुझसे नाराज नहीं हैरान हॅू मैं, म्हारो राजस्थान, क्यों डरता है दिल, लेट द म्यूजिक प्ले, जय हो आदि विभिन्न आंचलिक, देशभक्ति एवं पारम्परिक गीतों का गायन किया व 1200 से अधिक दर्शकों ने तालियों की बौछार कर सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया ।
कार्यक्रम के अन्त में सहायक अधिष्ठाता (छात्र कल्याण) डा. मूर्तजाअली सलोदा ने सभी कमेटी प्रभारियों, उनके सदस्यों सभी कार्यकर्ताओं एवं सम्पूर्ण छात्र समुदाय का कार्यक्रम के सफलता पूर्वक समापन हेतु आभार व्यक्त किया ।

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