जगन्नाथधाम से निकलने वाली रथयात्रा में भगवान स्वर्णरथ पर आरूढ़ होकर 7 वर्षों में पहली बार स्वर्ण वेशभूषा (सोनावेश) में नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सोनावेश धारण करने पर भगवान का पूर्ण रूप प्रदर्शित होता है, अर्थात् सामान्यतः भगवान हाथ, पगरखी, शंख, चक्र, गदा और पù धारण नहीं करते है, इस रूपमें उनका पूर्ण रूप भक्त के सामने होता है। रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल पक्ष 2 को होती है। उस दिन भगवान रोगमुक्त हो स्नान करके रथ में आरूढ़ अपने जन्मपुर (जनकपुर) जाकर 7 दिन रहते हैं।

इस वर्ष आयोजित हो रही भगवान की रथयात्रा के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ निम्नानुसार हैंः-
1. आषाढ़ शुक्ल पक्ष 2, बुधवार दिनांक 10 जुलाई, 2013 को निकलने वाली जगन्नाथजी की यह रथयात्रा भगवान जगन्नाथधाम मन्दिर से सातवीं रथयात्रा है। 22 किलोमीटर लम्बी यात्रा इतनी लम्बी दूरी तय करने वाली देश की सम्भवतः यह एक मात्र रथयात्रा है।
2. इस रथयात्रा में श्री जगन्नाथपुरी की तरह भगवान जगन्नाथजी, सुभद्राजी, बलभद्रजी और सुदर्शनजी की मूल प्रतिमाएँ नगर भ्रमण पर जाती हैं।
3. रथयात्रा से एक दिन पूर्व आषाढ़ शुक्ल पक्ष 1, मंगलवार दिनांक 09 जुलाई, 2013 को भगवान का प्राकट्य होगा। भगवान श्रीजगन्नाथजी का महास्नान ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा को होता है। इस दिन भगवान की चारों मूर्तियां (बलभद्रजी, सुभद्राजी, जगन्नाथजी एवं सुदर्शनजी) रत्नवेदी से आकर स्नान वेदी में 108 सुवर्णघट जल से स्नान करके गणेश रूप धारण करते हैं। उस दिन से भगवान रत्न सिंहासन पर 15 दिन तक अस्वस्थ रहते है, अतः पट बन्द रहते हैं, आषाढ़ मास की अमावस तक दर्शन नहीं देते हैं, तथा औषधि-भोगका ही सेवन करते हैं। आषाढ़ शुक्ल पक्ष 1 को पुनः दर्शन देते हैं, भगवान का यह प्राकट्य उत्सव के रूपमें आयोजित होता है।
4. रथयात्रा के दौरान पूरे मार्ग पर गौ-मूत्र मिश्रित जल से छिड़काव होगा।
5. इस यात्रा में निम्नानुसार झाँकियाँ सम्मिलित होंगीः-
(अ) जय श्रीराम-जयश्री कृष्ण संगठन की दो झाँकियाँ सम्मिलित होंगी।
(आ) नारायण सेवा संस्थान की तीन झाँकियाँ सम्मिलित होंगी।
(इ) बजरंग सेना की एक झाँकी सम्मिलित होंगी।
(ई) फिनलेक्स का एक झाँकी होगी।

6. आम नागरिकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी प्रसारित करने आवश्यक हैं जिनका व्यापक प्रचार होना चाहिएः-
(अ) रथयात्रा का स्वागत पुष्प वर्षा द्वारा होना चाहिए।
(आ) रथयात्रा के दौरान महिलाएँ कीमती आभूषण पहन कर नहीं आएँ।
(इ) रथयात्रा के दौरान पुरुष वर्ग पर्स या जेब में ज्यादा धन राशि लेकर सम्मिलित न हों।
आवश्यकता के लिए अल्प राशि ही पास में रखें।
(ई) रथयात्रा में पारम्परिक वेशभूषा में शामिल हों। जगन्नाथधाम के पुरुष स्वयं सेवक मेवाड़ी पगड़ी, कुर्ता-पायजामा में रहेंगे, महिलाएँ पीली अथवा केसरिया वेश में होगी।
7. रथयात्रा सम्पन्न होने पर रात्रि में जगन्नाथघाम में सभी यात्री भक्तगणों हेतु महाप्रसाद की व्यवस्था की गई है।
हाई टेक होगी रथयात्रा की कवरेजए विदेश में बेठे उदयपुरवासी भी आनंद ले सकेंगे
हर वर्ष की तरह रथयात्रा के सभी फोटो व आवश्यक जानकारी फेसबुक पर “जगन्नाथ रथ यात्रा उदयपुर” नाम के पेज पर उपलब्ध रहेगी । फेसबुक के माध्यम से 15 हज़ार लोगो को ठाकुर जी की रथ यात्रा के लिए आमंत्रित किया जा चूका है। 9 जुलाई तक 30 हज़ार लोगो को आमंत्रित करने का लक्ष्य है ।इस बार ख़ास रथयात्रा के लिए विडियो Timeline बनायीं जाएगी। तथा पूरी यथ यात्रा का विडियो कवरेज उदयपुर के ऑनलाइन चैनल माय सिटी माय एंगल पर उपलब्ध रहेगा, जिससे की जो लोग रथयात्रा में किसी कारणवश नही आ सके व जो लोग बहार रहते है वो घर बेठे उदयपुर की रथयात्रा का कभी भी आनंद ले सकते है।