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A Chat with Spokesperson of BJP – श्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन

shahnawaz hussain

भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन अपने एक दिवसीय निजी दौरे पर उदयपुर आये. एक मित्र के पारिवारिक समारोह में शामिल होने आये शाहनवाज़ हुसैन के इस बेहद गोपनीय दौरे की  भनक स्थानीय  मिडिया को भी नहीं लगी, किन्तु उदयपुर ब्लॉग टीम ने उनके निजी कार्यक्रम में से उनका कुछ समय चुरा ही लिया. और जब बात शुरू हुई तो फिर हर बिंदु पर बात हुई. प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के अंश-

1. आपने राजनीति में प्रवेश क्यों किया ?
श्री हुसैन: मैं बिहार से हूँ. जब छोटा था तो बिहार की समृद्ध विरासत अपने बुजुर्गों से सुना करता था. किन्तु जब थोड़ा समझने लगा तो वर्तमान बिहार को अपने इतिहास से अलग पाया. उत्तर खोजने पर हर अंगुली तत्कालीन राजनीतिज्ञों पर उठती देखी. पाया कि हर कोई राजनीति को हेय दृष्टि से देखता है. फिर सोचा अगर गन्दगी को साफ़ करना है तो गन्दगी में उतरना ही होगा. बस यहीं से निश्चय कर लिया.

2. राजनीति में प्रवेश हेतु ऐसी पार्टी को चुनने की खास वजह, जिसे हिंदुओं की पार्टी कहा जाता है, जबकि आप इस्लाम को मानने वाले है.
श्री हुसैन: देखिये, मैंने भी बीजेपी को ज्वाइन करने से पहले यही सुना था कि ये पार्टी हिंदुत्व की पार्टी है. पर दरअसल ऐसा है नहीं. क्या मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं देते? अगर ऐसा होता तो माननीय वाजपेयी जी लखनऊ से हर बार जीत कर नहीं आते. मुझे ही देख लीजिए. मुझ साधारण कार्यकर्त्ता को पार्टी ने कितना सम्मान दिया. और फिर अगर ऐसी कोई धारणा है भी कि ये पार्टी सिर्फ हिंदुओं की है, तो लीजिए मैंने इस मिथक को तोड़ दिया.

3. तो आपको लगता है कि बीजेपी एक राष्ट्रवादी पार्टी है, साम्प्रदायिक पार्टी नहीं?
श्री हुसैन: सांप्रदायिक वे है, जो ऐसा सोचते है, हम सभी को साथ लेकर चलने वालों में है. बीजेपी में हमेशा से राष्ट्र धर्म सर्वोपरि रहा है.

4. क्या कारण है कि मुस्लिम तुलनात्मक रूप से ज्यादा राजनीति ज्वाइन नहीं करते ?
श्री हुसैन: मुस्लिमो के मुख्य धारा से पीछे रहने का मूल कारन अशिक्षा और गरीबी है. अगर सभी साक्षर होंगे तो सब अच्छा होना शुरू हो जायेगा. जहाँ तक राजनीति को ज्वाइन करने की बात है, ऐसा नहीं है. यहाँ मुस्लिम कार्यकर्ता भी है, और वे अच्छा काम कर भी रहे है.

5. आपके अनुसार देश को बाहरी आतंकवादियों से ज्यादा खतरा है या अंदर पनप रहे क्षेत्रवाद से?
श्री हुसैन:  कोई धर्म नहीं कहता कि किसी बेगुनाह को मारो. ये इसका धर्मं, वो मेरा धर्म…. ये अनपढ़ लोगों की बातें है. क्योंकि सबसे पहले हम सभी भारतीय है. यही बात मैं उन लोगों के लिए कहना चाहूँगा जो क्षेत्रवाद फैलाते है. देश के निति निर्धारकों ने कुछ सोचकर ही नियम बनाये है. हमें उनका सम्मान करना चाहिए, यही राष्ट्रहित में है.

6. क्या सच में राजनीति एक “डर्टी पिक्चर” है ?
श्री हुसैन:  ऊपर से उंगुली उठाना बहुत आसान है. खुद आइये और परखिये…

7. वर्तमान सरकार पर बहुत उंगुलियां उठ रही है ? क्या नेता,क्या संत.. सब पीछे पड़ गए है?
श्री हुसैन:  विपक्ष का काम सरकार की हर खामी हो जनता के सामने लाना होता है. विपक्ष के रूप में एनडीए यह काम बखूबी कर रही है. एक के बाद एक होते घोटालों और कमर तोडती महंगाई ने आम आदमी की आँखे खोल कर रख दी है. हजारों करोड रुपये देश से बाहर भेज दिए जाते है, और जब कोई आवाज़ उठाता है तो उसे आधी रात में डंडो से पीटा जाता है. मैं अपनी कहता हूँ, इस सरकार के इतने घोटाले देख लिए, जितने अपने तमाम राजनितिक जीवन में नहीं देखे. ऐसी सरकार को केन्द्र में रहना का क्या हक है, आप खुद ही बताईये, जिसके मंत्री तिहाड में बंद हो.

8. आपकी पार्टी के बंगारू लक्ष्मण जी भी  को तो  रिश्वत लेते तहलका ने पकड़ा था, अब तो कोर्ट ने भी उनको दोषी करार दे दिया ?
श्री हुसैन:  जिस दिन बंगारू लक्ष्मण टीवी पर रिश्वत लेते पकडे गए थे, अगले ही दिन आलाकमान से उन्हें निलंबित कर दिया. और कुछ ही दिनों पश्चात पार्टी से निष्कासित भी. ऐसा कोई उदहारण कांग्रेस में हो तो बताईये. यहाँ तो कोमन्वेल्थ मेंघोटाले करने वाली मुख्यमंत्री को और ज्यादा तवज्जो दी जाती है. और फिर देखिये, पांचो  उंगुलियां बराबर नहीं होती. बंगारू ने जो किया, उसका फल पाया.

9. आप देश के सबसे युवा सांसदों में से एक है. और सबसे युवा मंत्री भी रह चुके है. युवाओं के लिए कोई संदेश?
श्री हुसैन:  हिंदुस्तान युवाओं का देश है. यहाँ के युवाओं ने तरक्की की नयी इबारत लिखी है. युवा शक्ति को अपने अधिकार समझने होंगे और अपनी शक्ति का पोजिटिव उपयोग करना भी सीखना होगा. हाथ से हाथ मिलाईये, और फिर देखिये, किस तरह देश को नयी दशा और दिशा मिलती है. अन्ना आंदोलन में हम देश की युवा शक्ति का जीता जगता उदहारण देख चुके है.

10. उदयपुर के लिए कोई संदेश?
श्री हुसैन:  उदयपुर मेरे दिल में बसता है. मैं यहाँ आने के बहाने खोजता हूँ. अभी भी मेरे एक मित्र के घर में शादी थी, तो मैं भगा चला आया. जितना सुन्दर ये शहर है, उतने ही अच्छे यहाँ के लोग. मुझे यहाँ के लोगों के दिल यहाँ की झीलों की ही तरह साफ़ और बड़े दीखते है. अगर रिटायरमेंट के बाद कही बसने का मन हुआ तो उदयपुर उसमे सबसे पहले होगा.

 

Article Contribution: Arya Manu   |   Article Photos: Gaurav Mehta