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आइए जानते है क्या है चातुर्मास?

रंगों और त्योहारों की भूमि भारत में त्योहारों का एक और मौसम दस्तक देने वाला है।  

जैसे-जैसे बारिश का मौसम आ रहा है, वैसे ही आ रहा है “चातुर्मास” यानि “चौमासा” जिसका अर्थ है चार बहुत ही पवित्र महीने। हमारी संस्कृति में इन चार महीनों का विशेष महत्व है।प्रत्येक व्यक्ति और धर्म अपनी संस्कृति के अनुसार धार्मिक संस्कार और अनुष्ठान करते हैं लेकिन अंत में हम सभी इन चार महीनों को एक साथ मनाते हैं।

आइए जानते हैं चातुर्मास के बारे में

  1. आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी या आषाढ़ पूर्णिमा तक के समय को चातुर्मास कहा जाता है.
  2. यह देवशयनी एकादशी (आषाढ़ी एकादशी) से शुरू होती है और प्रबोधनी एकादशी के साथ समाप्त होती है जिसे देव उठानी एकादशी भी कहा जाता है।
  3. इस साल चातुर्मास 20 जुलाई 2021 से शुरू होकर 14 नवंबर 2021 तक खत्म होगा और यह इस बार 118 दिनों का होगा।
  4. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु और अन्य देवता इन चार महीनों के लिए विश्राम की स्थिति में प्रवेश करते हैं।
  5. इन चार महीनों के लिए विवाह या गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध रहता है।
  6. धार्मिक अनुष्ठान और दूसरे धार्मिक संस्कार जैसे उपवास, पवित्र नदी में स्नान, तपस्या आदि किए जाते हैं।
  7. साथ ही चातुर्मास का पालन करने वाले आमतौर पर गुड़, दुग्ध उत्पाद, मसालेदार भोजन, पत्तेदार सब्जियां, पान, सुपारी और मांस का सेवन नहीं करते हैं। इन महीनों के दौरान शराब और तंबाकू का सेवन भी सख्त वर्जित है।

भोजन के संबंध में कोई सख्त नियम नहीं हैं। यह हर एक व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह चातुर्मास व्रत उपवास या का पालन कैसे करना चाहता है।

चातुर्मास के चार महीने 

चातुर्मास में चार पवित्र महीने होते हैं जिन्हें सावन, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक के नाम से जाना जाता है। आइये जानते है कुछ उनके बारे में। 

  1. चातुर्मास का पहला महीना सावन होता है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित है।
  2. दूसरा मास भाद्रपद होता है। यह महीना त्योहारों से भरा होता है। इसी महीने में गणेश चतुर्थी और कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भी आता है।
  3. चातुर्मास का तीसरा महीना होता है अश्विन। इस महीने में नवरात्रि और दशहरा मनाया जाता है। 
  4. चातुर्मास का चौथा और अंतिम महीना कार्तिक होता है। इस महीने में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस महीने में देवउठनी एकादशी भी मनाई जाती है। इसके साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। 

चातुर्मास 2021 में आने वाले त्यौहार –

जुलाई 2021

  • 24 जुलाई: गुरु पूर्णिमा (वेद व्यास जयंती)

अगस्त 2021

  • 08 अगस्त: हरियाली अमावस्या
  • 10 अगस्त: सिंजारा दूज
  • 11 अगस्त: हरियाली तीज
  • 13 अगस्त: नाग पंचमी
  • 22 अगस्त: रक्षाबंधन
  • 25 अगस्त: सातुड़ी तीज
  • 27 अगस्त: चंद्र छठ
  • 30 अगस्त: कृष्ण जन्माष्टमी
  • 31 अगस्त: गोगा नवमी

सितंबर 2021

  • 03 सितंबर: गोवत्स द्वादशी (बख्श बरस)
  • 09 सितंबर: हरतालिका तीज
  • 10 सितंबर: गणेश चतुर्थी
  • 11 सितंबर: ऋषि पंचमी, जैन सावंतसारी पंचमी
  • 12 सितंबर: हल छठ, बलराम जयंती
  • 16 सितंबर: तेजा दशमी
  • 17 सितंबर: डोल ग्यारस
  • 19 सितंबर: अनंत चतुर्दशी
  • 20 सितंबर: श्राद्ध आरंभ

अक्टूबर 2021

  • 06 अक्टूबर: सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या
  • 07 अक्टूबर: शारदीय नवरात्र आरंभ
  • 13 अक्टूबर: दुर्गा अष्टमी
  • 14 अक्टूबर: महानवमी
  • 15 अक्टूबर: विजयादशमी (दशहरा)
  • 20 अक्टूबर: शरद पूर्णिमा
  • 24 अक्टूबर: कारव चतुर्थी

नवंबर 2021

  • 2 नवंबर: धनतेरस
  • 3 नवंबर: रूप चतुर्दशी
  • 4 नवंबर : दिवाली पूजन
  • 5 नवंबर: गोवर्धन पूजा, अन्नकूट महोत्सव
  • 6 नवंबर: भाई दूज
  • 10 नवंबर: सूर्य छठ (सूर्य जयंती)
  • 11 नवंबर: गोपाष्टमी
  • 15 नवंबर: देवउठनी एकादशी

हमारा देश एक बहु-सांस्कृतिक देश है। इन चार पवित्र महीनों को अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। चातुर्मास उत्सव, उत्सवों और खुशियों की एक नई शुरुआत है। यही प्रार्थना है की चातुर्मास का महीना हमारे जीवन में सकारात्मकता और रोशनी लेकर आए।