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उदयपुर में अभी कुछ ऐसा है कोरोना का ट्रेंड

इस साल नए साल का स्वागत बढ़ते कोरोना संक्रमण से हुआ। कोरोना के मामले लगातार बढ़ते रहे और साथ ही उदयपुर में पॉज़िटिव होते लोग। ओमीक्रॉन जैसे नए वेरिएंट के फैलने से काफी ज़्यादा हड़कंप सा मच गया। इस सब के बीच में राहत की बात यह रही की मरीज़ों की रिकवरी रेट बहुत ही बढ़िया रही है।

राजस्थान के 50% आ रहे संक्रमितों में भी उदयपुर प्रदेश के कई शहरों में से एक था और जनवरी के महीने में 17 दिन में 5295 मरीज़ भी सामने आए। मगर रिकवरी रेट तेज़ रही। जनवरी के महीने में इनमें से 1504 मरीज़ रिकवर हो गए और इसीलिए एक्टिव मरीज़ों की संख्या कम रही।

Source: IndiaTVNews

कोरोना के अभी के ट्रेंड में पता चला है कि संक्रमित हुए रोगियों को ठीक होने में 5 से 7 दिन का समय लग रहा है। पिछले एक सप्ताह में उदयपुर में कोविड के 4106 मरीज़ सामने आए और उनमें से भी एक्टिव मरीज़ 3791 हैं। जहाँ दूसरी लहर में 14 से 20 दिन का समय भी रोगियों को रिकवर होने में लगता था वहीँ तीसरी लहर में रिकवरी जल्दी हो जा रही है।

तीसरी लहर में यह ट्रेंड भी देखने को मिला है कि मरीज़ घर में ही ठीक हो रहे हैं। जिससे अस्पताल में कम मरीज़ भर्ती हो रहे है। जनवरी के महीने में उदयपुर में पॉज़िटिव आए 5295 मरीज़ों में से सिर्फ 64 मरीज़ ही फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं। जो कि कुल मरीज़ों का महज 1.20 प्रतिशत है। यानि हर 500 मरीजों में से सिर्फ 6 मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। उदयपुर में फिलहाल एक्टिव 3791 मरीजों में से 3727 मरीज होम आईसोलेशन में ही हैं।

माना की रिकवरी रेट अच्छी है पर इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है की हम किसी भी तरह की लापरवाही करें। इस समय सबसे ज़्यादा ज़रूरी है की हम सावधानी बरतें, नियमों का पालन करें, मास्क लगाएं एवं सुरक्षित रहे ताकि तीसरी लहर हमपर नहीं हम तीसरी लहर पर हावी हो।

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मुख्य मंत्री ने लागू करी धारा 144, 5 लोगों से अधिक के मिलने पर रोक

कोविड-19 (कोरोना वायरस) के बढ़ते प्रकोप के तहत मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की सुरक्षा के लिए प्रथम चरण में 31 मार्च 2020 तक धारा 144 लागू करने के निर्देश दिए है।

गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कोविड-19 से बचाव के तरीकों की समीक्षा की। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, शासन सचिव आपदा प्रबंधन सिद्धार्थ महाजन, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मीटिंग के दौरान यह बातों पर फैसले लिए गए:

स्कूल मीटिंग पर रोक, पुस्तकालय बंद

प्रदेश में सारे सरकारी एवं निजी स्कूलों में तत्काल प्रभाव से 31 मार्च 2020 तक अभिभावक एवं पैरेंट-टीचर मीटिंग पर रोक लगाने और नए प्रवेश की प्रक्रिया को भी रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकारी एवं सार्वजनिक पुस्तकालयों को भी 31 मार्च 2020 तक बंद रखने के निदेश दिये गए हैं।

यात्रियों की स्क्रीनिंग के निर्देश

मुख्यमंत्री ने विदेश में फंसे राजस्थान के निवासियों की सुरक्षा के हित में विदेश मंत्रालय से बात करने की सूचना दी है। विदेश से आने वाले यात्रियों को हवाई अड्डे के पास स्थित होटलों में रुकवाकर पूरी स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर जांच में लक्षण पॉजिटिव पाए गए तो उन व्यक्तियों को 14 दिन तक पूरे आइसोलेशन में रखा जाएगा। उन व्यक्तियों के हाथ पर मुहर भी लगाई जाएगी एवं उनके घर के आस-पड़ोस में भी इस बात की सूचना फैलाई जाए ताकि बाकी लोग उनसे दूर रहे और संक्रमण से बचे।

झुंझुनूं में तीन लोग कोविड-19 पॉजिटिव

झुंझुनूं में तीन लोग – जोड़ा और ढाई साल का बच्चा जो हाल ही में इटली से लौटे थे, कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्हें झुंझुनूं के अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। मरीज़ों के घर के 2 किलोमीटर के दायरे में अगले 2 दिन तक कर्फ्यू लगाया गया है ताकि अन्य लोग संक्रमण से बचे रहे।

जांचों की सुविधाएं विकसित की जाएंगी

मुख्यमंत्री ने अजमेर, कोटा, भरतपुर, झुंझुनूं सहित अन्य स्थानों पर भी जांच सुविधा विकसित किए जाने और जयपुर में जांच क्षमता दोगुनी करने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने ये भी कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए राज्य की सुविधाओं में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। RSDF के माध्यम से आइसोलेशन लैब सहित अन्य सुविधाएं विकसित करने के निर्देश भी दिए गये।

आप सब से विनम्र निवेदन है कि अपना ध्यान रखे, सुरक्षित रहें और बाहर कम निकले।

आपके पास कोई भी सुझाव या समीक्षा है तो harshna@vivirmedia.com पर भेज सकते हैं।