उदयपुर: इस रविवार 6 साल से पर्यावरण के लिए कार्यरत पुकार फ़ाउंडेशन ने अपना 250वां रविवार हरित 250 के रूप में समर्पित किया। जिला शिक्षा अधिकारी उदयपुर व बंदूकवाला परिवार के सहयोग से संस्थान ने जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय के…
उदयपुर: इस रविवार 6 साल से पर्यावरण के लिए कार्यरत पुकार फ़ाउंडेशन ने अपना 250वां रविवार हरित 250 के रूप में समर्पित किया। जिला शिक्षा अधिकारी उदयपुर व बंदूकवाला परिवार के सहयोग से संस्थान ने जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय के…
“जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वो उन्नत राष्ट्र नहीं हो सकता“ – डॉ राजेंद्र प्रसाद 14 सितम्बर यानी आज का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है…
विश्व का भरण पोषण करने वाले भगवान् विष्णु वैसे तो क्षण भर का भी विश्राम नहीं करते ,किंतु भारतीय संस्कृति ने देह एवं देव में विभेद न करते हुए समग्र पूजन-अर्चन-वंदन को एक सूत्र में आचरण के लिए निर्देशित किया…
आज दोपहर में बाज़ार निकला, आदतन अच्छा खासा स्वेटर डाल कर और सच मानिये धूप ने पसीने छुड़ा दिए। वापस घर आ कर चैन की सांस ली और थोड़े वक़्त में फिर से नार्मल हुआ। गर्मी के मौसम की दस्तक होने…
समूचा उत्तर भारत कड़ाके की सर्दी और शीतलहर की चपेट में है। श्रीनगर से लेकर अमृतसर, दिल्ली, हिसार, जयपुर, लखनऊ और ग्वालियर सभी जगह सर्दी का प्रकोप नाक में दम किये हुए है। वैसे उदयपुर में भी सर्दी बेहद कहर…
सगसजी – Sagas Ji मेवाड़ – महाराणा राजसिंह (1652-1680) बड़े पराक्रमी, काव्य- रसिक और गुणीजनों के कद्रदान थे साथ ही बड़े खूखार, क्राधी तथा कठोर हृदय के भी थे। इनका जन्म 24 सितम्बर, 1629 को हुआ। इन्होंने कुल 51 वर्श…
प्यारी सुशीला कोठारी जी, पहले मैं आपको अपना इंट्रोडक्शन दे दूँ. मेरा नाम रिषित है. मैं 6 साल का हूँ, सनबीम स्कूल में पढता हूँ और उदयपुर में रहता हूँ. ये चिट्ठी मैं आपको छिप कर लिख रहा हूँ और…
“नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की..!!” “मुरली मनोहर श्री कृष्ण जी की जय..!!!” कुछ ऐसे ही जयकारे आज पूरे देश ही नही अपितु पूरी दुनिया की फिज़ाओ में गुंजायमान हो रहे है जिनसे चारो ओर बस कृष्ण का…
वर्षा ऋतू हमें गहराई तक छूती है. सावन में सिर्फ तन ही नहीं भीगता, अंदर तक भिगो जाती है बरखा की बूंदें… सावन की रिम झिम फुहारों के बीच उगते अंकुरों, हरे होते पहाड़ों और, और ज्यादा गहराई तक नीली…
आप में से कई लोगों ने पिछले कुछ दिनों से फतह सागर की पाल पर गाड़ी चलाते वक़्त मछ्छरों को खुदसे टकराता हुआ पाया होगा. ये झुण्ड कभी चालक की आँखों तो कभी मुँह में चले जाते हैं जिससे यहाँ…