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उदयपुर – अहमदाबाद के 32 किमी ट्रैक पर 24 तरह की कमियां

उदयपुर  -अहमदाबाद आमान परिवर्तन कार्य के दौरान सीआरएस निरिक्षण की रिपोर्ट में निकली कई सारी कमियां । खारवाचंदा से जयसमंद रोड के बीच 32 किलोमीटर ट्रैक पर कुल 24 तरह की कमियां पाई गई है। दो दिन के इस सीआरएस निरिक्षण की रिपोर्ट में कई सारी जगहों में भारी चूक होने जैसे स्थितियां पाई गई है। ट्रैक पर मिली इतनी कमियों को जल्द सुधार पाना मुश्किल है। ऐसे में कमियां सुधारे जाने पर इसकी रिपोर्ट चीफ रेलवे सुरक्षा कमिश्नर को भेजनी होगी। इसके बाद ही रेलवे बोर्ड की तरफ से नए ट्रैक पर ट्रैन संचालन की अनुमती दी जा सकेगी।

ये कमियां पाई गई-

  •  स्टेशन से स्टेशन और स्टेशन से ट्रैन तक के संचार सही नहीं पाए गए है।.
  • कई सारी जगहों पर मोबाइल नेटवर्क नहीं हैं।
  • लाइन पर 25 पीएसआर शुरू किए गए, लेकिन यहां पीएसआर के बोर्ड ही उपलब्ध नहीं है।
  •  कुछ स्थानों पर सुरक्षा के लिए बाड़ बंदी कराने की जरुरत बताई गई।
  •  जावर स्टेशन पर एफओबी का काम अधूरा है और रास्ता भी उपलब्ध नहीं है।
  •  टनल 2 में भी कमियों पर विशेषज्ञों से संरचनात्मक चीजों की जरुरत बताई।
  • तीन गर्डरों में भिन्नता होने पर जांच क बाद ही सुरक्षा प्रमाणित करने को कहा।
  •  मोड़ पर कई सारी कमियां पाई गई।
  •  ब्रीज पर अलाइनमेंट सही नहीं था। हुक,बोल्ट,क्लिप गायब थे व स्लीपरों में कट था।
  •  पूलों की पिचिंग में 35 किलों के पत्थर के बजाय छोटे पत्थर लगे मिले।
  •  कुछ जगहों पर लटकी हुई चट्टानों को असुरक्षित माना।
  •  कई जगहों पर ट्रैक पर किए गए जोड़ में गलतियां पाई गई।
  •  बरसात से मिट्टी पर कटाव देखा गया।
  •  एमएफपी और एसबीसी में पर्याप्त दुरी नहीं थी।
  •  जावर और पडला स्टेशन में प्लेटफार्म की ऊंचाई भी नियमानुसार नहीं थी।
  •  सभी पूलों पर गार्ड फ्लेयर को पुरे सेक्शन में बदलने की जरुरत।
  •  सुरंगों में बिजली आपूर्ति लोकल फीडर से थी।
  •  सुरंगों में मोबाइल नेटवर्क नहीं था।
  •  आरओबी के दोनों और रास्ते दिखाए गए थे,लेकिन मौके पर नहीं थे।
  •  आरओबी की दीवार 1.5 मीटर के मुकाबले 1.3 मीटर ही मिली।
  •  मल्टीसेल आरसीसी बॉक्स के बजाय छोटे और सिंगल आरसीसी बोक्स दिए गए।
  •  जावर स्टेशन पर एफओबी का काम अधूरा पाया गया। यहां पानी की आपूर्ति भी नहीं थी।
  •  घाट स्थानों पर नींव की गहराई नियमानुसार नहीं थी।
  •  जावर स्टेशन पर एफओबी का काम अधूरा है और रास्ता भी उपलब्ध नहीं है।