Categories
News

नारायण सेवा संस्थान एवं पीसीआई के साझे में 21वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैम्पियनशिप का समापन

शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से व्यक्ति चाहे किसी भी विकट परिस्थिति में हो, लेकिन मन में कुछ गुजरने का दृढ़ संकल्प हो तो वह जीत की मुहर लगा ही देगा। यह बात रविवार को महाराणा प्रताप खेलगांव के तरणताल परिसर में नारायण सेवा संस्थान एवं पैरालिम्पिक कमेटी ऑफ इण्डिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय 21वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैम्पियनशिप के समापन समारोह में मुख्य अतिथि राजस्थान विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कही। उन्होंने दिव्यांगजन की शिक्षा, चिकित्सा, पुनर्वास एवं विकास के क्षेत्र में नारायण सेवा संस्थान की सराहना की।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान के पूर्व खेलमंत्री एवं सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने कहा कि शारीरिक दृष्टि से अक्षम होने के बावजूद हौसला किस तरह बुलन्दियों का आकाश छू सकता है। उसकी मिसाल थे देश भर से जुड़े दिव्यांग तैराक। उन्होंने कहा कि दिव्यांजनों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा और योगदान से पूरे समाज को प्रेरित किया है। उन्होंने नारायण सेवा द्वारा दिव्यांग खेल प्रतिभाओं के विकास में योेगदान की प्रशंसा की। विशिष्ट अतिथि यूआईटी के पूर्व चेयरमैन रवीन्द्र श्रीमाली, राजस्थान तैराकी संघ के सचिव चन्द्र गुप्त सिंह चौहान ने भी विचार व्यक्त किये।

21st Paraswimming Championship in Udaipur

आरम्भ में अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने बताया कि दिव्यांग खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए संस्थान की स्पोर्टस् एकेडमी शीघ्र ही कार्य आरम्भ करेगी। उन्होंने बताया कि तैराकी की इस राष्ट्रीय स्पर्धा में देश के 23 राज्यों व सेना की एक टीम ने भाग लिया। जिसमें 383 खिलाड़ियों ने विभिन्न दिव्यांग श्रेणियों में तैराकी के हुनर का प्रदर्शन किया। पैरालिम्पिक कमेटी ऑफ इण्डिया के तैराकी चेयरमैन डाॅ. वी.के. डवास ने प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि दिव्यांगता की दृष्टि से वर्गाीकृत कुल 14 श्रेणियों में 306 पुरूष व 77 महिलाओं ने भाग लिया। कुल 245 रेस हुई।

21st Paraswimming Championship in Udaipur

21वीं राष्ट्रीय पैरा स्विमिंग चैम्पियनशिप पर महाराष्ट्र ने 306 अंकों के साथ कब्जा किया। जब कि सब जूनियर वर्ग की व्यक्तिगत श्रेणी में व्योम पावा (गुजरात) व बालिका वर्ग में रिया पाटिल (महाराष्ट्र) ने सर्वश्रेष्ठ तैराक का पुरस्कार प्राप्त किया। इसी तरह जूनियर वर्ग में तेजस नंद कुमार कर्नाटक और महिला वर्ग में साथी मंडल पीसीआई ने और सीनियर वर्ग में अन्नापुरेड्डी आंध्र व बालिका वर्ग में साधना मुल्लिक राजस्थान को सर्वश्रेष्ठ तैराक घोषित किया गया।

21st Paraswimming Championship in Udaipur

कार्यक्रम में पीसीआई तैराकी के चेयरमैन डाॅ. वी.के. डवास दिव्यांगों के लिए स्पेशल कार बनाने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त रवीन्द्र पाण्डे, उत्तर प्रदेश की टीम के कप्तान विमलेश विशाल, कर्नाटक के अन्तर्राष्ट्रीय तैराक गोपीचंद को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। समारोह में संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल, देवेन्द्र चैबीसा, तैराकी कोच महेश पालीवाल भी मौजूद थे। संचालन महिम जैन ने व आभार रविश कावड़िया ने किया।

तीन दिवसीय 21वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी में महाराष्ट्र ने कई पुरुस्कार जीत कर चैंपियनशिप पर कब्ज़ा किया।

Categories
News

दूषित भोजन से विमंदित बच्चों की मृत्यु के मामले में चिकित्सा विभाग ने नारायण सेवा संस्थान को नोटिस किया जारी

बड़ी गांव स्थित उदयपुर के प्रतिष्ठित संस्थान नारायण सेवा के विमंदित बाल पुनर्वास केंद्र में तकरीबन 9 बच्चों की तबियत ख़राब होने और 3 बच्चों की फ़ूड पोइज़निंग से मृत्यु होने का मामला सामने आया था। इस मामले की फ़ूड रिपोर्ट अब जा कर 3 सप्ताह बाद आई है। रिपोर्ट के अनुसार विमंदित गृह के पेयजल में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है और पानी में स्टॉर्च की मात्रा अधिक मिली है। स्वास्थ्य विभाग ने नारायण सेवा संस्थान को इस संबंध में नोटिस भी जारी कर दिया है।

दरअसल कुछ दिन पिछले नारायण सेवा संस्थान की ओर से संचालित विमंदित पुनर्वास केंद्र में दूषित भोजन के सेवन से एक दर्जन से ज्यादा बच्चों को उल्टी दस्त की शिकायत सामने आई थी। बच्चों की हालत देखते हुए जल्द से जल्द सभी बच्चों को एमबी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान 5 दिनों के भीतर तीन बच्चों की मृत्यु हो गई। वहीं 6 बच्चे अस्पताल में भर्ती रहे।

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ के नेतृत्व में कमेटी का गठन हुआ था। इस दौरान कमेटी में विमंदित गृह से फूड सैंपल भी लिए गए। रिपोर्ट में कमिटी ने भी नारायण सेवा संस्थान की कई खामियों को पाया था।

सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि चिकित्सा विभाग की टीम ने 21 नमूने लिए थे, जिसमें से 14 सैंपल में गड़बड़ी सामने आए है। 11 सैंपल मिस ब्रांड और 2 सैंपल एक्सपायर्ड थे। समिति ने बताया कि 1 सैंपल में स्टॉर्च की मात्रा भी ज्यादा मिली हैं। इसके आधार पर नारायण सेवा संस्थान को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में अब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

Categories
Social

नारायण सेवा संस्थान के विमंदित पुनर्वास केंद्र में फ़ूड पॉइजनिंग से 2 बच्चों की मौत और 5 अस्पताल में भर्ती

नारायण सेवा संस्थान के मानसिक विमंदित पुनर्वास केंद्र में रहने वाले 49 में से 7 बालकों को मंगल-बुधवार को उल्टी-डायरिया और कंपकपी की शिकायत पर एमबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 17 और 16 वर्षीय 2 बच्चों की मौत हो गई थी।

नारायण सेवा संस्थान के मानसिक विमंदित पुनर्वास केंद्र में रहने वाले 2 बच्चों की फूड पॉइजनिंग से मौत हो गई और 5 बच्चे एमबी अस्पताल में भर्ती हैं।

सीमएचओ डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया कि विमंदित गृह के संचालकों से बात की गई तो बाहर से किसी के द्वारा फूड पैकेट दिए जाने की बात कही गई है। उन पैकेट को खाने के बाद 7 बच्चों की तबीयत बिगड़ी। उन्होंने कहा कि फूड पॉइजनिंग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता हैं।

नारायण सेवा संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल का कहना है कि पुनर्वास केंद्र में आए दिन सेवाभावी लोग भोजन आदि सामग्री बच्चों को खिलाकर जाते हैं, जिससे सेहत खराब होने की संभावना ज्यादा है। अब चिकित्सा विभाग और पुलिस की टीम इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है।

राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी से मामले की 7 दिन में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। एमबी अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने बताया कि एमबी में भर्ती पांचों बच्चों की तबीयत में सुधार है। आईसीयू में भर्ती बालक की तबीयत भी सुधरी है। 

कलेक्टर चेतन देवड़ा ने बुधवार रात 10 बजे भर्ती बच्चों की सेहत देखी और उसके बाद बड़ी स्थित पुनर्वास केंद्र जाकर किचन और अन्य व्यवस्थाओं का जायज़ा भी लिया।

बाल गृह में जांच करती हुई टीम। Source: Dainik Bhaskar

The article and image has been sourced from Dainik bhaskar.

Categories
Social

Narayan Seva Sansthan Is Uniting Couples with Disabilities | Read More to Find Out How!

Every year Udaipur’s Narayan Seva Sansthan works for uniting couples who find solace in each other’s exceptions. Yes, we are talking about the differently abled people who are taken care and treated at Narayan Seva Sansthan each day. The society around us disregards people with disabilities, but it is the feeling of love that binds them together. They seek refuge in each other’s disabilities and hence they complete each other.

Narayan Seva does a noble work of tying the hearts of the underprivileged and disabled by marrying them in a Mass Marrying Ceremony specially designed and executed for people at Narayan Seva Sansthan.

Over the years of its establishment, Narayan Seva Sansthan has continuously arranged free of cost Mass Weddings for the differently abled and impoverished couples turning their life into a fairy tale.

This year, Sansthan’s free of cost Mass Marriage Ceremony called ‘Divyang Vivah’ is being conducted on September 8-9th in Udaipur. The Sansthan takes the responsibility to turn the lives of the differently abled and destitute into a delightful experience.

30 mass marriage ceremonies for eligible young differently abled as well as poor boys and girls have been successfully organized over the course of last 18 years. With this initiative, 1500 such couples have been tied in the lifelong knot of marriage. This year as well, they are helping 54 couples to tie the knot in Udaipur.

The Sansthan aims to create an inclusive society, where people with disabilities are accepted into the mainstream economy and social life. Every single person is special and talented and is just looking for a chance to excel and get a family started.

Narayan Seva Sansthan’s initiative and urge to make a difference will slowly and eventually can overcome the way people treat the differently abled and poor.

If you want to witness this amazing unison of couples you can them live on the Facebook page of Narayan Seva Sansthan here

Date of the ceremony: 8-9th September 2018

Venue: Seva Mahatirth, Badi, Udaipur

 

 



 

Like this story? Or have something to share?

Write to me: fouzia@udaipurblog.com

Also, connect with us on Facebook and Instagram

 

NEW: Click here to get awesome deals, discounts, news updates and happenings on WhatsApp!

Categories
Social

पोलियों, सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित लोगों की पिछले 30 साल से मदद करता नारायण सेवा संस्थान

उदयपुर में शायद ही कोई ऐसा हो जिसनें, नारायण सेवा संस्थान का नाम न सुना हो। अब तो न सिर्फ् उदयपुर और राजस्थान ही नहीं देस-परदेस के लोगो के लिए भी यह एक जाना-पहचाना नाम बन चूका है। इसका उदहारण, हमें भी वहीं जाकर मिला जब हमनें देखा कि राजस्थान के अलावा उत्तर-प्रदेश, मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ साथ गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों से लोग अपना या अपने बच्चों का इलाज करवाने के लिए यहाँ आए हुए हैं।narayan seva sansthan udaipur

यह वो लोग थे जो उम्मीद खो चुके थे कि अब कुछ नहीं हो सकता या वो भी जो पोलियो-सेरेब्रल पाल्सी के इलाज में लगने वाले खर्च का वहन नहीं कर सकते थे। टीवी, विज्ञापन और माउथ पब्लिसिटी (जो यहाँ इलाज करवा चुके हैं, उनके द्वारा बताएं जाने पर) ही इन सभी को पता लगा था कि यहाँ पर निःशुल्क इलाज किया जाता हैं। दिलचस्प बात ये भी हैं कि दूर-दराज से आने वाले लोगों को NSS(नारायण सेवा संस्थान) वाले रेलवे स्टेशन/बस स्टेशन तक लेने और छोड़ने भी जाते हैं ताकि उन्हें किसी तरह की तकलीफ़ ना हो और ये सबकुछ निःशुल्क सेवा-भाव से किया गया कार्य होता है।narayan seva sansthan udaipur

नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर में करीब 730 के आसपास एम्प्लोयी हैं जो खुद को एम्प्लोयी मानने से मना करते हैं। इन्हें ‘साधक’ की उपाधि दी हुई है और इलाज करवाने आए सभी लोग भी साधक कह कर ही पुकारते हैं।

वहां के एक साधक से बात करने पर एक अचंभित करने वाले आंकड़ा पता चला। यहाँ आने वाले मरीजों की अपडेटेड वेटिंग लिस्ट 14,000 है जो कभी 30,000 के करीब हुआ करती थी। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितने और ज़रूरतमंद अपने नंबर का इन्तजार कर रहे हैं।

narayan seva sansthan udaipur
Sewing Machines for people

प्रशांत अग्रवाल जो कि नारायण सेवा संस्थान के जनक कैलाश ‘मानव’ अग्रवाल के बेटे हैं, उनसे हुई बातचीत में उन्होंने नारायण सेवा संस्थान के बनने से लेकर अब तक के कई किस्से साझा किए। उनमें से कुछ हम यहाँ आपके साथ शेयर कर रहे है:-

  • जब पिताजी ने इसकी शुरुआत की थी तब इसका कोई नामकरण नहीं हुआ था। वो बस मदद करना चाहते थे। लेकिन कुछ साल बाद किसी के सुझाव पर नाम रखने की सोची। तब इसका नाम ‘दरिद्र नारायण सेवा’ रखा गया। लेकिन माँ के कहने पर नाम से ‘दरिद्र’ शब्द हटा दिया गया।
  • एक और किस्सा वो ये बताते हैं कि शुरू में किसी ने पिताजी के इस काम को तवज्जो नहीं दी, उल्टा सभी इनका विरोध ही करते रहे। जिस कॉलोनी हम रहा करते थे तब सामान से लदा ट्रक आया जिसकी वजह से कॉलोनी में लगा एक पत्थर टूट गया। इस पर कॉलोनीवासियों ने विरोध करना शुरू कर दिया और इस काम को बंद करने को कहा। बाद में पिताजी के ये कहने पर कि ये एक नेक काम है और वो पत्थर में फिर से लगवा दूंगा तब जाकर वो लोग शांत हुए।
    narayan seva sansthan udaipur
    Mobile Workshop for patients and their relatives 

     

narayan seva sansthan udaipur

narayan seva sansthan udaipur
Computer Lab for learning Computer
narayan seva sansthan udaipur
Art and Craft by Children
narayan seva sansthan udaipur
Lab for testing and medicines
narayan seva sansthan udaipur
Physiotherapy Room