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Monsoon Update: मानसी वाकल लबालब, छलकने के लिए तैयार जयसमंद

  • मानसी वाकल बांध हुआ लबालब। जल विभाग मंगलवार को खोल सकता है गेट।
  • जयसमंद छलकने के लिए तैयार। 10 cm पानी की है जरूरत।
  • मदार के दाेनाें तालाब पर लगातार चल रही है चादर। फतहसागर में बनी हुई है आवक।
  • उदयसागर से वल्लभनगर मेंं प्रवाह जारी।

मादड़ी बांध के ओवरफ्लाे हाेेने से पिछले कई दिनाें से पानी की आवक बनी हुई है जिससे जिले का मानसी वाकल बांध लबालब हाे गया है। जलदाय विभाग ने मंगलवार को इसके गेट खोलने की तैयारी कर ली है। गेट को दो या तीन इंच ही खोला जायेगा जिससे पानी बहके गुजरात नहीं पहुंचे और क्षेत्र में नदी का पेटा तर हो जाए। हालांकि अब कैचमेंट में तेज बारिश होने पर बांध के गेट ज्यादा खोलने की स्थिति बनेगी तब यह पानी गुजरात पहुंचना तय है।

इधर जिले की सबसे बड़ी झील जयसमंद भी छलकने काे आतुर है, इसे पूरा भरने के लिए सिर्फ 10 cm पानी की और जरूरत है। इसके अलावा वल्लभनगर बांध भी करीब दाे फीट ही खाली रह गया है। इसके छलकते ही मावली क्षेत्र के बड़गांव बांध में आवक शुरू हाे सकेगी।

कैचमेंट में तेज बारिश से मोरवानिया नदी से आवक बढ़ने पर बड़ी तालाब का गेज 32 फीट के मुकाबले 29 फीट 4 इंच हाे गया है। मदार के दाेनाें तालाब पर चादर चलने का सिलसिला जारी है जिससे फतहसागर में आवक बनी हुई है।

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मेरे सपनो की बारिश, कब आओगी तुम ??

clouds in udaipur

वर्षा ऋतू हमें गहराई तक छूती है. सावन में सिर्फ तन ही नहीं भीगता, अंदर तक भिगो जाती है बरखा की बूंदें… सावन की रिम झिम फुहारों के बीच उगते अंकुरों, हरे होते पहाड़ों और, और ज्यादा गहराई तक नीली होती झीलों के बीच हमारा मन “किसी की चाह” हेतु व्याकुल हो उठता है.

पर इस बार चाह किसी और की नहीं, बल्कि बारिश की ही है. ये आये तो किसी और को याद करने का मौक़ा मिले ना ! हरियाली अमावस पर, सोचा कि शहर के कमीनेपन से दूर जब गांव के निर्मल मन फतहसागर और सहेलियों की बाड़ी आयेंगे तो इंद्र को मजबूर होना ही पड़ेगा… पर इस बार भी हमेशा की तरह मेरा अनुमान गलत निकला ! उनकी पुपाडी की आवाज़ मेघों तक नहीं पहुंची. उनका सजना सवरना व्यर्थ गया…!!

 

“सावन आयो रे, ओ जी म्हारा, परणी जोड़ी रा भरतार,

बलम प्यारा, सावन आयो रे…”

 

सावन तो आयो पण बरखा कोनी आई .. परणी जोड़ी का भरतार, अब तुझे कैसे पुकारें..!! कालिदास ने मेघदूत ग्रन्थ में अपना संदेसा पहुँचाने के लिए बादलों को जरिया बनाया था.. वे जाकर प्रेमिका पर बरसते थे.. यहाँ तो सबकुछ सूखा- सूखा… कैसे भीगेगा प्रेमिका का तन- मन… क्या जुगत बिठाये अब ??

बचपन के दिन याद आते है. मुझे बचपन में अपनी भुआजी के यहाँ गांव में रहने का खूब मौका मिला. बारिश में भीगते भीगते खूब जामुन खाते थे. पेड पर चढ़ने की भी ज़रूरत नहीं होती थी, खुद-ब-खुद जामुन बारिश की मार से ज़मीं पर आ गिरते थे. मक्की की बुवाई होती थी… गीली मूंगफली को खेतों की पाल पर ही सेक कर खाते थे. भुट्टे का मज़ा, मालपुए की ठसक…क्या क्या आनंद होते थे. कच्ची झोपडी के केलुओं से बारिश की झर झर गिरती धार… और उस पर गरमा गरम राब… भुआ तवे पर चिलडे बनाती थी..आटे का घोल जब गरम गरम तवे पर गिरता था तो एक सौंधी महक मन में बस जाती थी. गांव के लोग इकठ्ठा होकर एक जगह सामूहिक प्रसादी करते थे. तेग के तेग भरकर खीर बनती थी और बनती थी बाटियां … आज बस उनकी यादें शेष है. आज 260 रुपये किलो वाले मालपुए लाकर खा लेते है, और खुश हो लेते है.. पर उसमे माटी की वो सौंधी खुशबु नहीं होती.

खैर अब अपन शहर में रहते है. कार की खिडकी खोलकर बारिश में हाथ भिगोने का मज़ा हो या बाइक लेकर फतहसागर पर चक्कर लगाने का मौका… हमें सब चाहिए, पर निगोडी बारिश पता नहीं किस जनम का बदला ले रही है.. उमस ने जीना मुहाल कर रखा है. खाली फतहसागर पर मन नहीं लगता. पिछोला में देवास का पानी आने की क्षणिक खुशी हुई ही थी कि लो जी वहाँ भी चक्कर पड़ गया. अब तो बस श्रीनाथजी का ही आसरा है. क्योंकि बारिश नहीं हुई तो उनका नौका विहार कैसे होगा. लालन लालबाग कैसे जायेंगे, बंशी कैसे बजेगी, गायें क्या खायेगी…! हम तो जैसे जैसे दो दिन में एक बार आ रहे नल के पानी से काम चला लेंगे किन्तु अगर बारिश नहीं आई तो बेचारे ये निरीह पशु क्या खायेंगे ? गलती इंसान की और भुगते सारे जीव-जंतु..!!! मन बस बार बार अपने   को निर्दोष पाते हुए अपील कर रहा है …
काले मेघा काले मेघा, पानी तो बरसाओ….

Photo by : Mujtaba R.G.

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Monsoon Aayo re!!

Rain Udaipur

Happy Monsoon Udaipies !! Light and Steady rains for the past 15 hours has eased the Summer heat, the rain started at about 12 last night and from then on its been truly majestic. Chocked roads and batti gul could not stop us from enjoying the fine weather, rain started with Hiran Magri and Savina and then till the time it reached the other end of the city the whole of Udaipur was dripping.

This is the Third Rain and a Beginning to Monsoon. The weather forecast department had suggested that early monsoon would arrive in south Rajasthan by today and that Heavy Rains are expected in the next 48 hours.

With enthusiasm and utter excitement we hope that this time the monsoon comes in handy and leaves behind a brimming Fateh Sagar. So guys enjoy the rain with pakodas and jalebis and have a blast this monsoon  ..!!

Here Are a few Pictures of Rain and Udaipur 🙂 Enjoy ..

Monsoon Udaipur
Picture By Yash Sharma
Monsoon Udaipur
Photo By Pramod Soni(Rajasthan Patrika)

Photos By Mujtaba 🙂

Monsoon Udaipur

Monsoon Udaipur

Monsoon Udaipur

Monsoon Udaipur

Monsoon Udaipur
Photo By Prasun bannerjee(PB)

— A Post By Chitransh Joshi 🙂 —