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Broken Pipelines, Potholed Roads & etc.: Would You Call Udaipur “Smart” Yet? 

Udaipur ranks fifth in the country and first in the state when we speak of smart city work. But the dissatisfied citizens of the city and the respective councilors of the wards give rise to irony. Despite the ranks given, we still lag in the race of becoming a smarter city soon.

It has been months since we are waiting for the smart city works to pace up and get done. The slow work of the project has infuriated both the ward members and councilors. The time taken to make things right has not reached expectations.
In recent days, pipelines broke during the work which led to no supply of water in the area. Living without a proper supply of water is unimaginable. Seeing the agitated people, the concerned officials called for water tankers.
Even though the actions were taken by the heads, the problem couldn’t be solved completely before the evening. That is where we can look for problems. Finding solutions after days of distress leads to discontent.
There is so much that is covered in the smart city project. The redevelopment, retrofitting, and introduction of smart infrastructure pan city. But instead, the work is taking a long time and the existing facilities are also deteriorating.
The deadline for the completion of the 99 smart city projects was extended twice already. Still, 21 projects stay unattended. The aspects covered under the smart city include

  • CC roads
  • Underground cabling
  • Sewerage-drainage system
  • Water supply

The tasks have been majorly completed. The work from Rangniwas to Jagdish Chowk is supposed to be completed by March 31 this year. The ACEO of Smart City, Pradeep Sangawat claims that the citizens would not have to face the problem for long.
Being a citizen of the city, we understand that the smart city work takes time. But, the swirling dust and dirt have taken tolls over the patience of the people here. Potholed roads are a thing these days.
People, when asked, do not remember how it was like driving on a road without digs. From the locals to councilors and ministers, all are frustrated from the slow-paced work. Even though the move was towards the development of “smart” cities, people are convinced that it was not smart enough.
It has been six long years; there is improvement too. But the changes are not visible. That makes us question the officials about the very decision that was targeted towards only growth and development in the near future.
Had it been the other way round, it would have been different. On the ending note, it is important for the officials to focus on management and time that has been taken to accomplish the project. Even now, if they keep a track of this stuff, there could be chances of finishing the work by deadline


Article by: Paridhi Mehta

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जानिए उदयपुर के लिए कैसा रहा बजट 2022

2022-23 का आम बजट इस बार अपने साथ कई उतर-चढाव और सौगातें भी लेकर आया। बजट का फायदा देश की 100 स्मार्ट सिटियाें में शामिल उदयपुर काे भी अतिरिक्त बजट के रूप में मिलेगा। साथ ही जिले के कृषि विश्वविद्यालय को और करदाताओं को इस बजट से लाभ भी होगा।

स्मार्ट सिटी के कार्यों काे बड़ी राहत

केंद्र सरकार के आम बजट 2022-23 से उदयपुर के स्मार्ट सिटी के कामों काे बड़ी राहत के संकेत भी मिले हैं। इस बजट में शहरी विकास पर खासा ज़ोर दिया गया है। इससे शहर में स्मार्ट सड़क, सीवरेज, ड्रेनेज, बिजली, पानी, सप्लाई, स्वच्छता के कामों को अब जा कर गति मिलेगी।

हाउसिंग में आयकर छूट नहीं

उदयपुर में पिछले 10 साल से हर साल औसतन 10 हज़ार नए घर बनते हैं। प्राॅपर्टी कारोबार को गति हाउसिंग में आयकर छूट को 1.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने पर ही मिलती, जाे इस बार भी नहीं मिली। हाउसिंग में आयकर छूट नहीं बढ़ने से बिल्डर्स काफी निराश हैं।

कृषि विश्वविद्यालयों में शोध व नवाचार को बढ़ावा

बजट 2022 को कृषि विश्वविद्यालयों में शोध व नवाचार को बढ़ावा देने वाला बताया जा रहा है और इसकी वजह यह भी है की एमपीयूएटी में रिसर्च के लिए इस बार ज़्यादा फंड आएगा। बताया जा रहा है कि केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाले बजट से विश्वविद्यालय का इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा। इस बजट से विवि में इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम, फूड सेफ्टी, फूड एग्रीकल्चर प्रक्टिसेज़, एग्रीकल्चर प्रोसेसिंग और एग्रीकल्चर मार्केटिंग की शिक्षा का सीधा फायदा किसानों को होगा।

संभाग के 4 लाख करदाताओं को लाभ

केंद्र सरकार के चौथे बजट में वित्त मंत्री ने आयकरदाताओं को बड़ी राहत देते हुए आईटीआर को दो साल तक अपडेट करने की सुविधा दी है। इस सुविधा का फायदा उदयपुर संभाग के 4 लाख आयकरदाताओं को भी मिलेगा। पहले आईटीआर फाइल करने की तारीख 31 जुलाई होती थी तो आयकरदाता 31 दिसंबर तक आईटीआर अपडेट कर सकते थे। इस साल कोरोना के चलते विभाग ने अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 तक कर दी है। नए बदलाव के चलते अगर आयकरदाता पहले साल में रिटर्न अपडेट करता है और अतिरिक्त आय दिखाता है तो उसे उस आय का 25% टैक्स, ब्याज, 4% एजुकेशन सेस व सरचार्ज देना होगा। वहीं दूसरे साल में अपडेट करने पर 50% टैक्स, ब्याज, 4% सेस और सरचार्ज का भुगतान करना पड़ेगा।

जहाँ बजट 2022 में टैक्स में छूट नहीं मिली और मनरेगा का बजट भी घटाया गया वहीँ कई प्रतिनिधियों का कहना है की इस बजट के अंतर्गत बेरोज़गारों को रोज़गार मिलेगा और किसानो की आय भी बढ़ेगी। इसके बाद शहर में कई अन्य प्रोजेक्ट्स को भी स्वीकृति मिली है, जिससे आने वाले समय में आम जान को फायदा होगा।

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सीवरेज का पानी रिसकर झील में घुल रहा है; 18 साल से कहाँ है प्रशासन?

झीलों का हाल है बेहाल!

झीलों का शहर कहते है उदयपुर को; झीलों के साथ बसा एक शहर। पर समय के साथ उन झीलों का जब हमे ध्यान रखना चाहिए था तब हमने रखा ही नहीं। वैसे हमने भी झीलों को गन्दा करने में कोई कसर नहीं छोड़ा लेकिन अब प्रशासन की लापरवाही की वजह से झीलों में दूषित सीवेरज का पानी जा रहा है और प्रशासन को सुध ही नहीं है।

नई पुलिया से अंबावगढ़ बस्ती तक मेनहोल से निकलकर सीवरेज का पानी सड़क पर फैल रहा है और यही पानी दीवारों से रिसकर झील में भी मिल रहा है। नई पुलिया के पास स्थित मेनहोल को निगम के कर्मचारियों ने खुला ही छोड़ रखा है। अब इसे लोग भराव डालकर पाट रहे हैं। ऐसे ही चलता रहा तो पूरा मेनहाेल जाम हो जाएगा और इससे परेशानी और ज़्यादा बढ़ सकती है।

जानिए स्थानीय लोगों का हाल

स्थानीय लाेगाें का कहना है कि यहां वर्ष 2004 में सीवरेज लाइन डाली गई थी। तब से यहां आए दिन पानी भरता रहता है। इसके अलावा सीवर लाइन में लीकेज के कारन झील की दीवाराें से भी कई जगह से दूषित पानी रिसकर झील में जा रहा है। क्षेत्रवासी और झील प्रेमी इस बारे में कई बार निगम से शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन फिर भी इसका कोई हल नहीं निकला है।

स्थानीय लोगो का यह भी कहना है की बस्ती में दाे जगह सीवरेज की लाइन डली हुई है और प्लांट नेचुरल हाेटल के यहां लगा हुआ है। ऐसे में प्लांट से पहले कचरे काे राेकने के लिए जालियां भी लगाई गई हैं। लेकिन अमूमन इन जालियों में प्लास्टिक का कचरा फंस जाता है, जिसकी सफाई भी समय पर नहीं होती है। अब इससे होता यह है की लाइन जाम हो जाती है और पानी सड़क पर फैलने लगता है।

जिस दिन क्षेत्र में जलापूर्ति हाेती है उस दिन परेशानी और ज़्यादा बढ़ जाती है। पानी फैलने से रज़ा चाैक में पानी इक्कठा होने की वजह से छाेटा सा तालाब ही बन जाता है।

पहले भी हुई है कोशिश इस समस्या को दूर करने की

2018 में इस मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए कलेक्टर ने 28 पॉइंट चिह्नित कर कमेटी भी बनाई थी मगर उसका भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला और काम भी नहीं हुआ।

अब स्मार्ट सिटी संभालेगा कार्यभार

अब नई पुलिया से अंबावगढ़ बस्ती वाली लाइन काे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंदर ले लिया गया है। स्मार्ट सिटी अधिकारीयों का कहना है की इसका प्रपोज़ल भी तैयार कर लिया गया है। इस क्षेत्र में काम हाेने पर पूरी लाइन नई डाली जाएगी।

आशा है यह कार्य जो की पिछले 18 वर्ष से पूरा नहीं हुआ जल्द से जल्द पूरा हो और शहर वासियों के साथ हमारी झीलों को भी इस दूषित जल से राहत मिले।

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Udaipur Smart City Limited launches ‘Udaipur Streets for People’ Design Competition

An out-of-the-box design competition is launched by Udaipur Smart City Limited – “Udaipur Streets for People.” The initiative is to bring all the creative minds together in a design competition, commenced by the city, to re-envision the streets of Udaipur smartly!

By inviting all the architects, designers, planners, students and every creative mind, the initiative aims to make the streets of Udaipur safe, healthy, and a happy public place. The objective here is to gain professional input as well as creative ideas from designers, students and local people. The competition is a step forward from smart city mission, Ministry of Housing and Urban Affairs, Indian Government, to make the city’s streets walking friendly. Udaipur is one among the 113 cities to register for this significant challenge.

The Test-Learn-Scale approach is quite an essential aspect of this design completion. Hopefully, the competition will quickly be effective for pedestrians as well as be proven environment-friendly.

Participants should accentuate more on details and description, walkability, safety and protection, livable and stable environment. This competition is divided into two parts – Flagship & Neighbourhood Pilot Site. For Udaipur, Chetak Circle is marked under Flagship and slums of Indira Colony are under Neighbourhood Pilot Site.

The participants will be assessed and judged by local officers, citizens, specialists and other stakeholders. To participate in this competition, you have to register yourself, and the last date of registration is 27th Dec. 2020.

The first prize for the Flagship and Neighbourhood Pilot Site is Rs. 30,000, second prize is Rs. 20,000 and third prize is Rs. 10,000, which will be given by Udaipur Smart City Ltd. More details about eligibility and submission rules & regulations are on the official website of Streets for People and official Facebook, Instagram and Twitter pages of Udaipur Smart City. 

Important Links:

More details

Registration Link and Details

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दीपावली तक मिल सकती है शहर को 26 स्मार्ट सिटी बसों की सौगात

  • इस साल दीपावली तक मिल सकती है शहर को 26 स्मार्ट सिटी बसों की सौगात।
  • 4 AC और 22 Non-AC बसें चलेंगी शहर के जनरल, एक्सप्रेस और टूरिस्ट सर्किट रूट पर।

 

काेराेना के बीच शहर के लिए एक खुशखबरी!

इस साल दीपावली तक यानी 14 नवंबर तक शहरवासियों काे मिल सकती है स्मार्ट सिटी बसाें की सौगात।

शहर के रास्तों पर चलने के लिए 26 स्मार्ट सिटी बसें तैयार की जा रहीं हैं जिनमें 22 Non-AC और 4 AC बसेस शामिल हैं। इन बसों को शहर के 5 जनरल, 1 एक्सप्रेस और 1 टूरिस्ट सर्किट रूट पर चलाया जायेगा।

4 AC बसों में भी 2 बसें खास Hop-On/ Hop-Off बसें हाेंगी, जाे पर्यटकों को टूरिस्ट सर्किट रूट की सैर कराएंगी। बाकी दाे AC बसें उदयपुर से डबाेक एयरपोर्ट तक चलेंगी।

बसों के लिए रूट पहले ही तय कर लिए हैं और आरटीओ से मंजूरी भी मिल चुकी है। काेराेना संक्रमण काे देखते हुए शुरुआत में काम बसों से सुविधा शुरू की जा सकती है।

गैरतलब है की फ़िलहाल नगर निगम की ओर से शहरी क्षेत्र में 12 सिटी बसें चल रही हैं।

कार्य की प्रगति की रिपोर्ट के अनुसार स्मार्ट सिटी बस संचालन काे लेकर बस अपरेटर कंपनी के साथ एग्रीमेंट हाे चुका है और शहर में 50 से अधिक बस शेल्टर भी बन गए हैं।

बसों के लिए तय किये गए रूट में गाेवर्धन विलास सेक्टर 14 पुराना चुंगी नाका, पारस तिराहा, पटेल सर्कल, सिटी रेलवे स्टेशन, उदियापाेल, सूरजपाेल, देहलीगेट, काेर्ट चाैराहा, शास्त्री सर्कल, लेकसिटी माॅल आयड़, सुखाड़िया यूनिवर्सिटी, आयड़ संग्रहालय, ठाेकर चाैराहा, सेवाश्रम, हिरणमगरी, सेटेलाइट हाॅस्पिटल, जड़ाव नर्सरी, हाड़ा रानी सर्कल, सवीना मंडी सेक्टर 9, खेड़ा सर्कल, सुहालका भवन, सीए सर्कल, गाेवर्धन विलास सेक्टर 14 का राउंड रूट रहेगा।

इसके अलावा 45 किमी का टूरिस्ट सर्किट रूट के अंतर्गत गाेवर्धन सागर, दूधतलाई, गुलाबबाग, शहीद स्मारक टाउनहाॅल, चेतक सर्कल, फतहसागर, सज्जनगढ़, रानी राेड हाेते हुए शिल्पग्राम, सहेलियों की बाड़ी, सुखाड़िया सर्कल, आयड़ संग्रहालय, सेवाश्रम, सूरजपाेल, उदियापाेल, पारस हाेते हुए गाेवर्धन सागर तक चलेगी जिसका किराया 100 रु. रहेगा।

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अब घर-घर कचरा संग्रहण के लिए देने होंगे 20 रुपए

  • अब घर-घर कचरा संग्रहण के लिए देने होंगे 20 रुपए।
  • विवाह पंजीयन के अब 10 की जगह 50 रुपए लगेंगे।

नगर निगम की शुक्रवार को हुई बैठक में तय हुआ की अब से घर-घर कचरा संग्रहण के पैसे जनता से लिए जाएँगे। इसके लिए निगम ने 20 रुपए प्रति मकान शुल्क तय किया है। निगम का मानना है की इसके इससे लाेगाें में स्वच्छता जागरूकता आएगी।

उदयपुर नगर निगम द्वारा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, दुकानों और होटलों से भी कचरा संग्रहण का शुल्क लेना शुरू किया जाएगा जिसकी शुल्क की दरें भी जल्द तय होंगी।

इसके अलावा विवाह पत्र जो पहले 10 रुपए में बनाया जाता था अब उसके 50 रुपए लगेंगे।

ये सभी प्रस्ताव नगर निगम बोर्ड की शुक्रवार को हुई बैठक में पास हुए।

इनके अलावा कुछ और अहम प्रस्ताव भी पास हुए।

सभी छोटे उद्योग जिनसे 10 रुपए प्रति हॉर्स पावर की दर से शुल्क वसूला जा रहा है उनसे अब 1000 रुपए प्रति वर्ष लिया जाएगा।

शहर के अंदर बने हेरिटेज भवनाें का स्वरूप बचाने और संरक्षण के लिए कमेटी बनाई जाएगी जिसमे सीनियर टाउन प्लानर, आर्किटेक्ट और तकनीकी जानकार सेवानिवृत्त अधिकारी भी होंगे।

टूरिस्ट टैक्स के रूप में 3000 पर रूम पर डे से ज्यादा रूम रेंट लेने वाली होटलों से हर बुकिंग पर 200 रुपए पर रूम, 5000 तक के 300 और 10000 या इससे महंगे कमरे की बुकिंग पर 500 रुपए टूरिस्ट टैक्स के रूप में लिया जायेगा।

फ़िलहाल बैठक में शहर को साफ़ स्वच्छ बनाने के लिए केवल सुझाव लिए गए हैं कोई निर्णय नहीं लिया गया।

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Udaipur identified as the 4th best performing Smart City

Udaipur has been identified as the 4th best performing city in Smart City implementation. And on this basis, the city becomes the third city eligible to seek the second tranche of Rs 300 crore towards implementing its smart city projects.

The performance has ensured the city to become the third city in the 100 selected cities to ask for a release of the 2nd tranch of fund for Smart City projects.

The top best performing Smart Cities are selected by the Union Ministry of Housing and Urban Affairs. This is one of the internal rankings prepared by the ministry.

The ranking list was prepared based on various parameters which included value of tender issued, the value of work order issued, the value of work completed under the smart city project, the value of the certificate of utilization submitted etc.

The Union Ministry of Housing and Urban Affairs is in the process of formulating a new method and the performance of the cities would be accessed again.

Smart Cities Mission which was launched in 2015 is aimed at ensuring over-all developments of a city while providing advanced facilities for its citizens. Under the Smart City Mission, 100 smart cities were identified with 5151 projects worth Rs 2,05,018 crore to be executed.

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India’s most advanced Electronic Interlocking System installed at Udaipur City Railway Station

A new Electronic Interlocking Signalling System has been commissioned at Udaipur City Railway Station. The new system would enable automatic route setting for reception and dispatch of trains thereby improving safety and ease of traffic operations.

Udaipur City Railway Station, which falls under Ajmer Railway Division, has replaced the age-old obsolete mechanical signalling system at the City Railway Station. The system would simplify signalling alteration in connection to the future yard modification work.

Besides giving signals to the train, the EI System also monitors the train reducing the errors and failures. The benefit of this system is that it works precisely and accurately.

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Udaipur 2020: New Year – New Hopes

Udaipur recently welcomed the year 2020 in high-spirits with parties, celebrations, gatherings and fun hovering all over the city. While we are moving into another decade, our lake city is also taking ‘baby-steps’ in getting ahead in the race of ‘smart city’.

With the beginning of the new year, Udaipurites are hoping for some smarter moves in terms of Urban Development. Let’s find out what we can expect from 2020!

Engineering Marvels

The tourist city these days is experiencing a lot of congestion in road traffic movement. With the number of vehicles increasing day by day, the Municipal Corporation and UIT together need to concentrate development of engineering designs for flyovers, underpasses etc. As per the latest news, Pratap Nagar flyover work is going on in full-swing and under-pass work at Delhi gate may begin soon.

Public Transport

Lack of proper public transport facility and non-availability is one of the reasons for increased traffic congestion. People are bound to take their vehicles due to non-availability of public transport thereby increasing the number of vehicles on the road. The Smart City Company is working on a project to run around 35 city buses in the city.

Clean City

The Cleanliness Survey team will be visiting Udaipur in the month of January. The results for the Clean City Survey for India will then be declared in a few months. Udaipurites are hoping to get the top position in the clean city survey. Besides the efforts made by the government bodies for keeping the city clean, it is also the responsibility of the citizens to support the efforts and keep Udaipur clean and green. Let’s see how do we go ahead in this mission in 2020!

Ayad Beautification

The long due Ayad project has been the topic of discussion for a long time now. The project involves keeping the river that goes through the city, clean and full. This project has been recently taken over by the Smart City company. Udaipurites can now expect some quick work on this project which will add to the beauty of the city and will further increase the tourism of Udaipur.

Lake Pichola Cruise

Soon the beautiful lake of Udaipur, Pichola Lake, will have a 150-seater cruise floating over it. The 3-storey ship-like cruise will give tourist more reasons to visit the city. Udaipurites got this news sometime back. Now, they are waiting to see it happen in 2020.

White City

The Municipal Corporation of Udaipur along with the Smart City Company has started the work of painting the walled-city white, giving Udaipur its erstwhile glow. We may expect to see the buildings of the old city in white or off-white colour. It is noteworthy that Udaipur is also called The White City of India. Painting the old town white will also add to the beauty of the city and the tourists will get to see the heritage-look of the city.

Six Lane Projects

The Debari-Kaya six-lane project is in its progressive mode. If completed in time, 2020 will see better management of highway traffic especially for vehicles travelling from Chittor, Pindwara and Ahmedabad side. The Debari Greater Crossing will give a beautiful look of Udaipur before entering the city.

Rail Connectivity

The broad gauge work on Udaipur-Ahmedabad railway track is in full swing and is expected to get completed by the end of 2020. The broad gauge work will connect Udaipur to Ahmedabad and Mumbai and will also open more rail route facility for Madhya Pradesh.

With these, there are many other hopes and expectations that Udaipurites have from their city. We would love to hear what type of development would you like to see in Udaipur in 2020!

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Ban on single-use plastic

The government recently announced a blanket ban on single-use plastics. The Hon’ble Prime Minister, in his speech on the 72nd Independence Day, urged all the citizens and government agencies to take necessary steps towards scrapping single-use plastic items that end-up harming the environment and health on a whole.

To save our beautiful city from this harm, the administration had imposed a complete ban on disposable plastic cups, plates, and glasses long back.

We, as democratic citizens, have the right to question the government on what has been done about it. Why we still see single-use plastic in the market, in households, and other places?

But, is only the government imposing the ban enough? What role and responsibility do citizens play in making our city plastic-free?

Shopkeepers, vegetable vendors, food-stalls, all are using plastic bags to deliver the products.

Can the citizens help the government and ultimately the environment by being alert and active on reducing the use of plastic?

UdaipurBlog calls for your opinion on how we can completely remove the single-use plastic from our city.

Post your opinion in the comments below!