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राजस्थान बजट 2022- जानिए उदयपुर को मिली कौन-कौन सी सौगातें!

उदयपुर को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है। परन्तु एक बार फिर उदयपुर को सबसे बड़ी सौगात कांग्रेस सरकार से  मिली है। 10 साल पहले भी कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत ने उदयपुर को नगर परिषद से अपग्रेड कर नगर निगम बनाया था। 

अब ठीक 10 साल बाद गहलोत ने अपनी तीन वर्षों की सरकार के चौथे बजट में उदयपुर को UIT से अपग्रेड कर उदयपुर विकास प्राधिकरण (UDA ) बना दिया है। 

अब जयपुर, अजमेर और जोधपुर की तर्ज पर उदयपुर को उदयपुर विकास प्राधिकरण कहा जाएगा। यहां काम भी विकास प्राधिकरण के तौर पर ही होगा। उदयपुर को प्राधिकरण बनाने की मांग लम्बे समय से की जा रही थी।

केवल यही नहीं, उदयपुर को बजट से काफी कुछ मिला है। राजस्थान बजट उदयपुर के लिए निम्न सौगाते लाया है। 

  1. उदयपुर को विकास प्राधिकरण बनाया गया।  
  2. वल्लभनगर में रीको इंडस्ट्री बनाई जाएगी।
  3. खेरवाड़ा में एग्रीकल्चर कॉलेज खोला जाएगा।
  4. उदयपुर में अतिरिक्त सीएमएचओ ऑफिस खोला जाएगा।
  5. झल्लारा पीएचसी को सीएचसी में क्रमोन्नत किया।
  6. महाराणा प्रताप खेलगांव में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक बनाया जाएगा।
  7. गिर्वा में एक खेल स्टेडियम भी बनाया जाएगा।
  8. सुपर-स्पेशियलिटी में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
  9. कोटड़ा तहसील में नए बांध बनाने की घोषणा।
  10. सेमारी उदयपुर में नया उपखंड कार्यालय बनाया जाएगा।
  11. उदयपुर में मिनी फूड पार्क बनाने की घोषणा हुई।
  12. दिल्ली के उदयपुर हाउस में 250 कमरों का हॉस्टल बनेगा।
  13. नगर निगम क्षेत्र में 40 करोड़ से नई सड़कें बनाई जाएंगी।
  14. उदयपुर-बांसवाड़ा रोड़ पर माही नदी पर पुल का निर्माण।
  15. 89 करोड़ से झल्लारा-धरियावद, प्रतापनगर सड़क, ऋषभदेव से झामेश्चर सड़क, झाड़ोल-देवास-गोगुंदा सड़क निर्माण।
  16. 150 करोड़ से प्रतापनगर से बलीचा फोर लेन रोड, आयुर्वेद चौराहे ( राड़ाजी चौराहा) से सुभाष (नेता जी सुभाष चंद्र बोस) सर्किल, सज्जनगढ़ तिराहा, रामपुरा होते हुए सीसारमा-झाड़ोल एलिवेटेड रोड़ बनायीं जाएंगी। 
  17. उदयपुर में 400 केवी ग्रिड सब स्टेशन स्थापित किया जाएगा।
  18. उदयपुर में बॉटनिकल गार्डन स्थापित किया जाएगा।
  19. भाणदा में नई चौकी, पाटिया चौकी को थाना बनाया जाएगा।
  20. उदयपुर में खुलेगा फैमेली कोर्ट। 
  21. बावलवाड़ा में उप-तहसील खोली जाएगी।
  22. घाटकोन में 9.65 करोड़ से सिंचाई परियोजना।
  23. गामदरा में 4.57 करोड़ से सिंचाई परियोजना।
  24. बेड़ा का नाका में 3.27 करोड़ से सिंचाई परियोजना।
  25. बजरिया, भूराव, हसूला और देवेंद्रा में 17 करोड़ से सिंचाई परियोजना।

यदि सभी घोषणाओं का पालन किया गया, तो हमें उदयपुर का एक नया रूप देखने मिलेगा।  


Article by: Paridhi Mehta

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निगम का करोड़ो का बजट: क्या अब बदलेगी उदयपुर की दशा?

अगर उदयपुर का नाम दिमाग में आते ही सौंदर्य से पहले टूटी सड़कें आती है तो हां उदयपुरवासी हो तुम !

सालों से “अंडर कंस्ट्रक्शन” चल रहे उदयपुर को शायद अब राहत मिल सकती है। नगर निगम बोर्ड बजट की बैठक तीसरी बार हुई। बैठक में पक्ष और विपक्ष दोनों ने एक ही सुर में शहर के विकास के लिए बोर्ड के सामने कई मुद्दे उठाए। इसी बीच निगम द्वारा 2022-23 सत्र के विकास कार्यों के लिए 298.03 करोड़ का बजट पास किया गया।

जिस तरह की हालत है हमारे शहर की सड़कों की उस पर निगम को शायद इस बार तरस आ गया। इसीलिए इस बार सड़को के सुधार के लिए तीन गुना ज़्यादा राशि रखी गई है। इसके अलावा ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान देने का भी प्रस्ताव रखा गया। जहाँ देहलीगेट फ्लाईओवर के निर्णय पर एलिवेटेड रोड की चर्चा हुई वहीँ विधायक फण्ड से ज़िपलाइन डालने के लिए राशि की स्वीकृति भी मिली है।

आइए विस्तार से जाने की कितनी है समस्याएं और किन पर होगा काम।

समस्याएं

  • सभी वार्डों में सड़के टूटी-फूटी है और अधिकांश जगह पेयजल की समस्या है।
  • कई वार्ड यूआईटी सिमा क्षेत्र में है तो कुछ निगम के क्षेत्र में और दोनों के क्षेत्र में होने से कई जगहों पर विकास कार्य नहीं हो रहा, हालत जैसी की तैसी ही है।
  • कचरे के कंटेनर हटने से सड़क पर कचरा पड़ा रहता है।
  • स्मार्ट सिटी के कार्यों में गति ना होने और कार्यों में मॉनिटरिंग ना होने से अंदरुनी शहर में परेशानियां सिर्फ बढ़ ही रही हैं।
  • हिरणमगरी स्मार्ट रोड में भी कई ख़ामियाँ है।
  • कई इलाकों में सामुदायिक भवनों को सुधरने की अत्यंत आवश्यकता है।
  • जगह-जगह अतिक्रमण है ।
  • बोहरा गणेशजी जैसी कई जगहों पर चौड़ी सड़क की आवश्यकता है।
  • औद्योगिक क्षेत्रों में सिटी बसें नहीं चल रही।
  • कई क्षेत्रों में वनवे से परेशान है आम लोग।
  • कच्ची बस्तियों और गरीब जनता की पट्टे की दिक्कत।
  • लगभग हर वार्ड में सफाई कर्मी गायब रहते है और कचरा संग्रहण की व्यवस्था भी ठीक नहीं है।

यह तो कुछ गिनी-चुनी समस्याएं हैं जो की पार्षदों द्वारा गिनवाई गई है। ना जाने कब से आम जनता इन परिस्थितयों से शतिग्रस्त है। इसी को देखते हुए इतने बड़े बजट की स्वीकृति मिली है। अब देखते है की इसके तहत किन-किन समस्याओं का समाधान होता है।

समाधान कुछ इस प्रकार होंगे:

  • सड़कों के लिए 46 करोड़: शहर की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए निगम ने इस बार 46 करोड़ बजट का प्रावधान रखा है। इसमें महापौर द्वारा आश्वासन दिया गया है की सभी वार्डों में जल्द ही सड़कों की हालत सुधरेगी जिसमे से अधिकांश के टेंडर हो चुके है।
  • दूधतलाई पर ज़िपलाइन व पार्किंग: दूधतलाई पर ज़िपलाइन बनाने की स्वीकृति मिल चुकी है और साथ ही उसके पीछे ज़मीन को साफ़ कर वहां पार्किंग स्थल बनाने का भी सुझाव दिया गया है।
  • ई-वाहनों पर अनुदान: शहर में ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम दुपहिया वाहन ख़रीद पर दो हज़ार व ई-रिक्शा खरीदने पर 4 हज़ार रुपये का भुगतान करेगा। इसके लिए बजट में 50 लाख रुपये का अलग से प्रावधान रखा गया है।
  • देहलीगेट फ्लाईओवर की जगह एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव: पहले देहलीगेट पर फ्लाईओवर बनने का प्रस्ताव सामने आ रहा था लेकिन बोर्ड की बैठक में उदियापोल से कलेक्टर के बंगले तक एक एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव रखा गया है। निगम को इसके लिए कोर्ट से अनुमति लेनी होगी और मज़बूती से अपना पक्ष भी रखना होगा।
  • जनसहभागिता योजना आरम्भ: आमजन व वार्ड की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए निगम ने पहली बार जनसहभागिता योजना प्रारम्भ की है। इसके तहत किसी संस्था द्वारा जनहित में कार्य विशेष के लिए 30 प्रतिशत अंशदान देने व 70 प्रतिशत व्यय निगम की ओर से करवाया जाएगा।
  • पार्षद करवा सकेंगे 2 लाख तक के काम: पार्षद अपने वार्डों में दो लाख रुपये तक विधायक फण्ड से काम करवा सकेंगे। इसके लिए नियमों के तहत जो काम आएँगे उसी के लिए ही स्वीकृति दी जाएगी।

अब आने वाले 2022-23 सत्र में इन सभी सुधार और विकास कार्यों का इंतज़ार रहेगा जिससे समस्त उदयपुरवासियों का जीवन आसान होगा और यहाँ आने वाले टूरिस्ट्स का भी अनुभव अच्छे सन्दर्भ में यादगार होगा।