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जानिए कैसे तीन महिला अफसरों ने कोरोना के दौर में पर्यटन, संस्कृति, एविएशन से दिलाई उदयपुर को नई पहचान

“अपने को कमजोर न समझो जननी हो सम्पूर्ण जगत की,
गौरव हो अपनी संस्कृति की आहट हो स्वर्णिम आगत की,
तुम्हें नया इतिहास देश का अपने कर्मो से रचना है”

महिलाओं के लिए जितना कहा जाए, उतना कम है। चाहे वो घर की डोर हो, या संसार की बागडोर, ये महिलाएं ही है जिन्होंने सब कार्यों को सफलता पूर्वक करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। महिलाओं के लिए कोई एक दिन खास नहीं होता, हर दिन खास महिलाओं से होता है। और इस बात का प्रतीक है उन्नति करता हुआ हमारा देश और प्रदेश।

छोटे से लेकर बड़े, हर कार्य में औरतों ने अपना शत प्रतिशत योगदान दिया है। ये नज़र आता है आज के इस लेख में। हमारे उदयपुर शहर की सुपर नारी ने कितने ही असंभव काम संभव किये है। आइये जानते हैं, उदयपुर की समृद्धि में योगदान देने वाली ये महिलाएं कौन हैं।

उदयपुर और पर्यटन का नाम अक्सर साथ लिया जाता है। देश विदेश के कई लोग हर साल यहाँ आकर अद्भुत अनुभव, प्राचीन सुंदरता, और झीलों की खुशबू अपने साथ ले जाते हैं। पर्यटन ने उदयपुर को एक नई पहचान दी है। हालाँकि कोरोना के समय उदयपुर को काफी नुकसान भी हुआ था।

पर्यटकों के आने पर पाबन्दी तथा कई जगहों पर आने जाने पर रोक से देशी पर्यटक भी उदयपुर नहीं आ सके थे। लेकिन ऐसे कठिन समय में भी उदयपुर की महिला शक्ति ने अपने आप को काबिल साबित करते  हुए एक नई मिसाल कायम की है। उदयपुर की समृद्धि के तीन स्तम्भ पर्यटन, संस्कृति, और एविएशन हैं।

इन्हीं तीन स्तम्भों को सँभालने वाली उदयपुर की सुपर वुमन ने ऐसे चमत्कार किया के उदयपुर टूरिज्म ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। अगस्त-21 के बाद शहर में बहुत सारे पर्यटक आए। हम बात कर रहे हैं पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की डायरेक्टर किरण सोनी गुप्ता और महाराणा प्रताप एयरपोर्ट की डायरेक्टर नंदिता भट्ट की।

शिखा सक्सेना, डिप्टी डायरेक्टर, पर्यटन विभाग

देसी ट्रैवल ब्लॉग के जरिए उदयपुर के बारे में विदेश भर को बताया।  ये ही नहीं, नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने पर्यटन स्थलों का समय रात नौ बजे तक बढ़ा दिया। हर चार गाइड की दर 350 से बढ़वाकर 1050 रुपए करवाई। शहर के साथ-साथ आदिवासी महिलाओं को हर्बल गुलाल बेचने पर्यटन स्थलों पर जगह दिलवाई। इनकी सभी उपलब्धियों में सबसे पहले अगस्त में रिकॉर्ड तोड़ एक लाख से ज्यादा पर्यटकों का  लेकसिटी में आना है  इसके बाद लगातार नए रिकॉर्ड बने।

नंदिता भट्ट, डायरेक्टर, महाराणा प्रताप एयरपोर्ट

एयरपोर्ट की सुंदरता निखारने के लिए नंदिता ने कई प्रपोजल खुद डिजाइन कर जमीनी स्तर पर लागू करवाए। नेशनल के बाद  इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 40 हजार वर्गमीटर में नई टर्मिनल बिल्डिंग का प्रस्ताव मंजूर करवाया। इसके साथ ही प्रदेश की दूसरी कार्गो सेवा उदयपुर में शुरू करवाने में भी नंदिता ने अपने कदम बढ़ाए।  हाईटेक टर्मिनल के लिए 3 करोड़ मंजूर करवाना, 12 विमान की क्षमता वाला नया एप्रन बनवाना, और एक और एप्रन की मंजूरी मिली। इनकी सभी उपलब्धियों में दिसंबर 2021 में यात्री भार 158 लाख तक पहुंचना है। इतने यात्री इससे पहले कभी प्लेन से उदयपुर नहीं पहुंचे थे।

किरण सोनी गुप्ता, डायरेक्टर, वेस्ट जोन कल्चर

किरण सोनी गुप्ता ने शिल्पग्राम में मल्टी स्टोरी प्रोजेक्ट लाकर किरण ने कलाकारों को नया मंच दिया। इस से कलाकारों के रहने और एग्जीबिशन लिए सुविधा बढ़ी। कोरोना काल की चुनौतियों के बीच 500 से ज्यादा कलाकारों को ऑनलाइन मंच और रोजगार के अवसर प्रदान किए। पेंटिंग्स, कठपुतली शो आदि से जुड़े लोक कलाकारों को नया मंच देकर उनका प्रोत्साहन किया।  इनकी उपलब्धियों में कोरोना की पाबंदियों के बीच शिल्पग्राम महोत्सव का सफल आयोजन करवाना है। इस बार 1.25 लाख से ज्यादा सैलानी शामिल हुए थे।

Information Source: Dainik Bhaskar 

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