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नगरीय विकास कर के लिए 15 साल बाद सर्वे शुरू

Urban Development Tax के लिए 15 साल बाद शहर में नया सर्वे शुरू

13500 भवन थे पहले से चिह्नित। 50 हजार और आ सकते है दायरे में।

Urban Development Tax के दायरे में आने वाले भवन:

  • 2700 sq. ft. या इससे बड़े आवासीय भूखंड।
  • 900 sq. ft. या इससे बड़े व्यवसायिक में भूखंड या भवन।
  • व्यवसायिक काॅम्पलेक्स में बनी सभी दुकानें।

नगर निगम ने नगरीय विकास कर (Urban Development Tax) से आय बढ़ाने के लिए करीब 15 साल बाद शहर में नया सर्वे शुरू किया।

15 साल में निगम सीमा में 13500 भवन चिन्हित हुए थे जाे कि नगरीय विकास कर के दायरेे में आ रहे थे। उसके बाद निगम सीमा में कई आवासीय, शॉपिंग माॅल, व्यवसायिक भवन बने, स्टार हाेटलें भी शुरू हुई, लेकिन नया सर्वे नहीं हाेने से ये भवन नगरीय विकास कर के दायरे में नहीं थे। इस नए सर्वे से अनुमान लगाया जा रहा है की इस के बाद करीब 50 हजार नए भवन इस टैक्स के दायरे में आ सकते हैं।

फ़िलहाल 2700 वर्ग फीट या इससे बड़े आवासीय भूखंड या भवन, 900 वर्ग फीट या इससे बड़े व्यवसायिक भूखंड या भवन और व्यवसायिक काॅम्पलेक्स में बनी सभी दुकानें इस टैक्स के दायरे में आती है।

सर्वे के लिए निगम ने एक प्राइवेट कंपनी के साथ अनुबंध किया है जाे सर्वे के साथ इस दायरे में आने वाले भवन, प्रतिष्ठान मालिकों से टैक्स लेकर निगम खाते में जमा करने का कार्य भी करेगी।

शहर के सभी वार्डों में सर्वे का काम एक साथ शुरू कर दिया गया है जिसके अंतर्गत सर्वे टीम निगम सीमा में सभी भवनों का भौतिक सत्यापन (physical verification) करेगी और उसके आधार पर डीएलसी दरों और राज्य सरकार के निर्धारित दायरे में आने वाले भवनाें से यह टैक्स लेगी।

By Neha Tare

A Content Writer at UdaipurBlog who has worked as a marketing professional for many startups. The post-grad in Advertising and Public Relations enjoys travelling, exploring, learning, reading and writing.

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