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बैग ऑफ़ स्माइल: वेस्ट डेनिम को बनाया गरीब बच्चो का सहारा

क्या आप जानते हैं कि एक जोड़ी जींस बनाने के लिए लगभग 8000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है? और हर साल लाखों की तादात में इन जींसों को कूड़े में फेक दिया जाता है। लेकिन उदयपुर में ऐसी एक संस्था है जो उन सभी पुराने डेनिम को अपसाइकिल कर ज़रूरतमंद बच्चों के लिए स्कूल स्टेशनरी में पुनर्निर्मित करती है।

उदयपुर की प्रिया सचदेव द्वारा चलाई जा रही संस्था ‘बैग ऑफ़ स्माइल” इस्तेमाल हो चुकी डेनिम जीन्स को अपसाइकिल कर ज़रूरतमंद बच्चों के लिए ‘Gift a Basta’ नाम से मज़बूत बैग, स्कूल किट बना रही है।

Udaipur NGO

‘बैग ऑफ़ स्माइल’ के आईडिया से न केवल पुराने कपड़ें के कारण होने वाले प्रदुषण से राहत मिलती हैं बल्कि जरूरतमन्द बच्चों को मजबूत बैग, और स्कूल किट मिलती हैं। इसी के साथ ही वो ज़रूरतमंद महिलाओं के लिए रोज़गार भी पैदा कर रहे हैं जिससे लोगो के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा हैं। इस काम में अब तक बहुत सी महिलाओ को रोज़गार मिल चुका है।

गौरतलब है कि डेनिम जीन्स को गल कर डीकम्पोज़ होने में सैकड़ों साल लग जाते हैं। ऐसे पुराने डेनिम जीन्स को दोबारा इस्तेमाल में लाकर ये संस्था पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने का काम कर रही है।

बैग ऑफ़ स्माइल का आईडिया और इनिशिएटिव संस्थापक प्रिया सचदेव का है वहीँ इस काम को आगे बढ़ाने में उनका साथ दे रही है हर्षिता चौहान।

फ़िलहाल यह संस्था बच्चों की लिए बैग और पेंसिल बॉक्स उपलब्ध करा रही है और आगे स्कूल के लिए दरियाँ और एप्रिन सहित कई तरह के उत्पाद बनाने की तैयारी भी कर रही है।

Gift a Smile Udaipur

संस्था की संस्थापक प्रिया सचदेव का कहना है कि कोई भी व्यक्ति, जो ”बैग ऑफ़ स्माइल ‘ की मदद करना चाहती है वह संस्था की वेबसाइट पर वॉलिंटियर्स फॉर्म भरकर जुड़ने के साथ ही प्रमोशन में भी मदद कर सकता है।

‘बैग ऑफ़ स्माइल’ की मेंबर हर्षिता बताती हैं कि अभी तक वे अपने प्रोडक्ट्स को विभिन्न स्तरों से आंगनबाड़ी की महिलाओं के माध्यम से गांवों के बच्चों तक पहुंचाते रहे हैं और आगे उनकी टीम इसको सिस्टमेटिक स्तर पर लाने के लिए जिले के स्कूल-कॉलेजों से संपर्क कर रही है।

टीम के लोग इलाके के हर सरकारी स्कूल में जाकर प्रिंसिपल से अपने प्रॉडक्ट की लिस्ट साझा करते हुए एक बड़ा रिकार्ड तैयार कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में महिलओ को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल पाए इसका भी पूरा ध्यान रख रहा है। संस्था ने अब तक 10 से अधिक महिलाओ को रोज़गार दिया है।

Udaipur NGO

‘बैग ऑफ़ स्माइल’ 10 हजार से ज्यादा बच्चों तक अपने किट पहुंचाने का टारगेट लेकर चल रही है। हजारो किट तैयार करने के लिए हजारो डिस्कार्डेड डेनिम को अपसाइकिल किए जाने का लक्ष्य है ।

By Neha Tare

A Content Writer at UdaipurBlog who has worked as a marketing professional for many startups. The post-grad in Advertising and Public Relations enjoys travelling, exploring, learning, reading and writing.

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